– काशी में दो जगहों पर है मंदिर, काशी खंड में उल्लेख
वाराणसी, (हि.स.)। अगर आप अपने जीवन में लगातार कर्ज से परेशान हैं। जीवन के पापों से भी मुक्ति चाहते हैं तो आपको काशीपुराधिपति के नगरी में आना होगा। यहां महादेव का ऋणों से मुक्ति दिलाने वाला रूप ऋणहरेश्वर महादेव विराजमान है। पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी विशेश्वरगंज से दारानगर महामृत्युंजय मंदिर के मार्ग पर ऋणहरेश्वर महादेव का छोटा सा मंदिर है। मंदिर में पूरे सावन माह दर्शन का बड़ा महत्व है।
मान्यता है कि काशी में इस महादेव मंदिर में दर्शन-पूजन करने से तमाम ऋण से मुक्ति मिलती है। मंदिर में आने वाले भक्तों का मानना है कि बाबा कि कृपा से उन्हें न सिर्फ पापों से बल्कि धन के कर्ज से भी मुक्ति मिलती है। यहां भगवान शंकर ऋणहरेश्वर महोदव के रूप में खुद विराजमान होकर लोगों की जिंदगी अपनी कृपा से आसान बनाते है। क्षेत्रीय लोगों का मानना है कि यहां ऋण मुक्तेश्वर महादेव स्वयंभू रूप से स्थापित हैं। सड़क के मुख्य मार्ग से नीचे होने के चलते मंदिर में स्थित शिवलिंग बाहर से दिखता नहीं है। काशी खंड में इसका उल्लेख है। बाबा का एक ऋणमुक्तेश्वर स्वरूप महमूरगंज में भी विराजित है। इस मंदिर भी काफी प्राचीन है।
काशी में मान्यता है कि श्री काशी ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर में हाजिरी लगाने पर सभी पापों के कर्ज से मुक्ति मिलती है। इस मंदिर में महादेव के अतिरिक्त राम-लक्ष्मण, सीता व हनुमान की मूर्ति भी स्थापित है। परिसर में मौजूद पीपल और बरगद के पेड़ में ब्रह्मा विष्णु महेश का वास माना जाता है। यहां पर पहले काशी के साधक भगवान शिव की आराधना करते थे। यहां मान्यता है कि कर्ज उतारने के लिए श्रद्धालु को गन्ने के रस और पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराने के बाद 5 बेलपत्र अर्पित करते है तो जल्द ही उन्हें ऋण से मुक्ति मिलती है।