नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश की पीलीभीत से सिटिंग सांसद वरुण गांधी का भाजपा ने एक झटके में टिकट काट दिया। पार्टी का यह निर्णय संभवता पीलीभीत के लोगों को भी पसंद नहीं आया। फिर वरुण गांधी को कैसे रास आएगा। यही कारण है कि वरुण ने अपना दर्द बयां करते हुए क्षेत्र की जनता को भावुक चिट्टी लिखी थी। इसमें उन्होंने लिखा था कि वह राजनीति में आम आदमी की आवाज उठाते रहेंगे चाहे इसकी कोई भी कीमत उठानी पड़े। वरुण ने लिखा था- मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे सालों तक पीलीभीत की महान जना की सेवा करने का मौका मिला। महज एक सांसद के तौर पर न हीं बल्कि एक व्यक्ति के तौर पर भी मेरी परवरिश और मेरे विकास में पीलीभीत से मिले आदर्श और सरलता का बहुत बड़ा योगदान है। आपका प्रतिनिधि होना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है और मैंने हमेशा पूरी क्षमता के साथ आपके हित की आवाज उठाई है। अब खबर आ रही है कि वरुण को रायबरेली से भाजपा मैदान में उतार सकती है।
चर्चा है कि रायबरेली लोकसभा सीट पर बीजेपी ने सर्वे करवाया था जिसमें प्रत्याशी के रूप में वरुण गांधी का नाम सबसे आगे उभर कर आया। यही वजह है कि बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने रायबरेली से वरुण गांधी को उतारने के लिए तैयार करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। रायबरेली सीट कांग्रेस का गढ़ है। 2019 में सिर्फ यही एक सीट कांग्रेस के खाते में आई थी। सोनिया गांधी यहां से लगातार सांसद चुनी जाती रही हैं। इस बार सोनिया राजस्थान के कोटे से राज्यसभा चली गई हैं। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सिर्फ रायबरेली और कैसरगंज ही दो ऐसी सीटें हैं जहां बीजेपी अभी तक प्रत्याशी नहीं उतार पाई है। सूत्रों का दावा है कि बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने वरुण गांधी से रायबरेली में चुनाव लड़ने की बात की है। वरुण का इससे पहले पीलीभीत सीट से टिकट काट दिया गया था। चर्चा है कि कांग्रेस इस बार रायबरेली से प्रियंका गांधी को उतारने की तैयारी कर रही है। ऐसे में वरुण ने अपनी चचेरी बहन के खिलाफ लड़ने के बारे में फैसला लेने के लिए समय मांगा है। कहा जा रहा है कि अब वरुण गांधी को फैसला लेना है कि वह चुनाव लड़ें या नहीं।