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वकील से मारपीट मामले में एसपी समेत छह पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज, हाई कोर्ट में कामकाज ठप

चंडीगढ़  (हि.स.)। एक वकील को अमानवीय यातनाएं देने के विरोध में पंजाब पुलिस ने अपने ही विभाग के एसपी समेत छह पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। वकील पर पंजाब पुलिस के अत्याचार करने के विरोध में मंगलवार को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में बार कांउसिल ने कामकाज ठप करने का ऐलान किया है।

मंगलवार को मुक्तसर बार एसोसिएशन के प्रधान भूपिंदर सिंह बराड़ ने बताया कि 14 सितंबर को एडवोकेट वरिंदर सिंह संधू के एक क्लाइंट ने उन्हें बताया कि पुलिस ने गांव में नशे के खिलाफ एक कमेटी बनाई है। उस कमेटी में शामिल लोगों के खिलाफ उनका केस चल रहा है। वे लोग उनकी और उनके घर आने वालों की तलाशी लेते हैं और उन्हें झूठे केस में फंसाने का शक है।

आरोप हैं कि पुलिस थाने से बाहर निकलते ही एडवोकेट संधू से सीआईए के पुलिसकर्मियों ने मारपीट की गई। उन्हें जबरन सीआईए दफ्तर ले जाकर उनके साथ अमानवीय व्यवहार कर मारपीट की गई। 16 सितंबर को एडवोकेट संधू को कोर्ट में पेश किया। आरोप हैं कि इससे पहले पुलिस ने एडवोकेट को यह कहकर डराया-धमकाया कि यदि उन्होंने कोर्ट में मुंह खोला तो उनसे दोबारा अमानवीय व्यवहार किया जाएगा।

मुक्तसर में पुलिस ने वकील पर मारपीट व अमानवीय व्यवहार के बाद कोर्ट ने पुलिस अफसरों-कर्मचारियों पर केस दर्ज करने के आदेश दिए थे, लेकिन दो दिन बाद भी केस दर्ज नहीं किया गया तो सोमवार को मुक्तसर बार एसोसिएशन ने कोर्ट कामकाज ठप रखा।

पंजाब और हरियाणा की अदालतों में बार एसोसिएशन के कामकाज ठप करने की जानकारी मिलने पर पंजाब सरकार देर रात हरकत में आई। इसके तुरंत बाद श्री मुक्तसर साहिब के एसपी (डी) रमनदीप सिंह भुल्लर समेत इंचार्ज रमन कंबोज और चार कॉन्स्टेबल हरबंस सिंह, भुपिंदर, गुरप्रीत सिंह और दारा सिंह के खिलाफ सोमवार रात केस दर्ज कर लिया गया है।

वकीलों की मांग है कि मामले की जांच पंजाब से बाहर हरियाणा या चंडीगढ़ की किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपी जाए। वकील के खिलाफ दर्ज एफआईआर तत्काल प्रभाव से रद्द की जाए। पीड़ित वकील को अमानवीय यातनाएं देने वाले आरोपित अधिकारियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।

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