वाराणसी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी पर देश ही नहीं दुनियाभर की नजरें टिकी हैं। पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी नरेन्द्र मोदी ने करीब पांच लाख मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी। इस बार चुनौती जीत की नहीं, बड़ी जीत की है। पीएम मोदी के विजय रथ को रोकने के लिए इंडी गठबंधन ने ताकत झोंक रखी है। हालांकि पिछले चुनाव के आंकड़ों पर गौर करें तो भाजपा के सामने इंडी गठबंधन की चुनौती में ज्यादा दम नहीं लगता। गौरतलब है पिछले दो चुनाव में कांग्रेस-सपा का कुल वोट शेयर भाजपा को मिले वोटों के मुकाबले बेहद कम है।
वारणसी में भाजपा 7 बार जीती
पूर्वांचल की अहम सीट वाराणसी में 1991 में पहली बार भाजपा का कमल खिला। भाजपा प्रत्यशी शिरीषचंद्र दीक्षित ने सीपीएम के राजकिशोर को शिकस्त दी थी। जीत का अंतर 40,439 मतों का था। इसके बाद 1996, 1998 और 1999 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी शंकर प्रसाद जायसवाल ने जीत की हैट्रिक लगाई। 2004 के आम चुनाव में भाजपा के विजय रथ को कांग्रेस के डॉ.राजेश कुमार मिश्र ने रोका। 2009 में भाजपा के मुरली मनोहर जोशी ने जीत के साथ वापसी की। 2014 और 2019 में भाजपा के पीएम पद के प्रत्यशी नरेन्द्र मोदी ने यहां जीत का कमल खिलाया।
कांग्रेस का प्रदर्शन में लगातार गिरवाट
वाराणसी में कांग्रेस ने 1952, 57 और 62 का चुनाव जीता। इसके बाद 1971, 1980 और 1984 में भी कांग्रेस ने विजय पताका फहराई। 1984 में जीत के करीब 20 साल बाद 2004 के आम चुनाव में उसे जीत नसीब हुई। चुनाव दर चुनाव कांग्रेस की स्थिति यहां खराब होती गई। किसी जमाने में कांग्रेस का वोट शेयर 55 फीसदी हुआ करता था, वो 4 फीसदी तक लुढ़क गया। 2004 के बाद हुए तीन चुनाव में उसके प्रत्याशी अपनी जमानत बचा पाने में विफल रहे। 2024 के चुनाव में कांग्रेस सपा के साथ गठबंधन में है। लेकिन सपा भी यहां कोई बड़ी ताकत नहीं रही।
वाराणसी में सपा की साइकिल पंचर
वाराणसी सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) ने 1999 के चुनाव में पहली बार अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा था। इस सीट पर सपा ने अब तक 6 चुनाव लड़े हैं। हर चुनाव में उसके हाथ निराशा ही लगी है। 2019 के चुनाव में सपा-बसपा का गठबंधन था। गठबंधन में ये सीट सपा के खाते में थी। भाजपा के प्रत्याशी पीएम नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए सपा ने शालिनी यादव को मैदान में उतारा था। पीएम मोदी ने 4 लाख 79 हजार 505 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी। सपा का इस सीट पर सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत प्रदर्शन 2009 का चुनाव था। इस चुनाव में सपा प्रत्याशी को 18.61 फीसदी वोट मिले थे। 2019 के चुनाव में सपा ने बसपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था। ये सीट सपा के खाते में आई थी। इस चुनाव में सपा प्रत्याशी का वोट शेयर 18.4 फीसदी था।
चुनाव वर्ष – भाजपा – सपा – कांग्रेस का मत प्रतिशत
1996 – 44.62 – चुनाव नहीं लड़ा – 4.01
1998 – 42.98 – चुनाव नहीं लड़ा – 9.95
1999 – 33.95 – 12.56 – 25.48
2004 – 23.60 – 9.34 – 32.68
2009 – 30.52 – 18.61 – 9.98
2014 – 56.37 – 4.39 – 7.34
2019 – 63.6 – 18.4 – 14.38
2024 के चुनाव का हाल
भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद पीएम नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार टिकट दिया है। सपा-कांग्रेस गठबंधन में वाराणसी सीट कांग्रेस के खाते में है। कांग्रेस ने अपने प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को मैदान में उतारा है। बसपा ने अतहर जमाल लारी को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर कुल 7 प्रत्याशी मैदान में हैं।