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लोस चुनाव : बांसगांव में कांग्रेस और भाजपा दोनों लगा चुके हैं हैट्रिक, जानिए क्या है यहाँ का पूरा इतिहास

लखनऊ  (हि.स.)। पूर्वांचल की बांसगांव सुरक्षित सीट कांग्रेस के महाबीर प्रसाद के नाम से जानी जाती है। महाबीर प्रसाद चार बार यहां के सांसद रहे हैं। इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा दोनों जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। पिछले तीन चुनाव यहां भाजपा के कमलेश पासवान ने जीते हैं। कमलेश चौथी बार चुनाव मैदान में हैं।

महाबीर ने लगाई जीत की हैट्रिक

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस सीट से चार बार जीत हासिल की है। साल 1980 के आम चुनाव में पहली बार महाबीर प्रसाद कांग्रेस की टिकट पर मैदान में उतरे। इस चुनाव में महाबीर ने जनता पार्टी के रामसूरत को 32,061 वोट के अंतर से परास्त किया।

इसके बाद 1984 के चुनाव में महाबीर प्रसाद ने दूसरी बार ये सीट जीती। इस बार उनका मुकाबला इण्डियन कांग्रेस जगजीवन (आईसीजे) के प्रत्याशी राम सूरत से मुकाबला था। चुनाव में महाबीर प्रसाद को 232,747 (62.93 प्रतिशत) वोट मिले। वहीं आईसीजे के राम सूरत के खाते में 58,518 (15.82 प्रतिशत) वोट आए। महाबीर प्रसाद ने 174,229 वोट के अंतर ये चुनाव जीता।

1989 के आम चुनाव में महाबीर प्रसाद ने कांग्रेस की टिकट पर निर्दलीय प्रत्याशी फिरंगी प्रसादा विशारद को 10,329 वोट के अंतर से हराकर जीत की हैट्रिक लगाई। बांसगांव संसदीय सीट पर जीत की हैट्रिंक लगाने का पहला रिकार्ड कांग्रेस के महाबीर के नाम दर्ज है। 1991 के आम चुनाव में भाजपा के राज नारायण पासी ने महाबीर प्रसाद को शिकस्त देकर उनके विजय रथ को रोक दिया। बता दें, महाबीर प्रसाद ने इस सीट से अपनी चौथी जीत 2004 के आम चुनाव में हासिल की।

राजनारायण तीन बार जीते, लेकिन हैट्रिक से चूके

बांसगांव सीट पर भाजपा का खाता 1991 के आम चुनाव में राजनारायण पासी ने जीत की हैट्रिक लगाने वाल कांग्रेस के महाबीर प्रसाद को हराकर खोला। लेकिन राजनारयण जीत तीन बार जीतने के बाद भी जीत की हैट्रिक लगाने से चूक गए। राजनारायण ने 1991 में जीत हासिल की। लेकिन 1996 के चुनाव में उन्हें सपा की शुभवती देवी के हाथों हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 1998 और 1999 के आम चुनाव में राजनारायण ने जीत दर्ज की।

भाजपा के कमलेश पासवान ने लगाई हैट्रिक

भाजपा प्रत्याशी राजनारायण भले ही जीत की हैट्रिक से चूक गए हों, लेकिन कमलेश पासवान ने हैट्रिक लगाकर महाबीर प्रसाद की बराबरी कर ली। 2009 में भाजपा की टिकट पर कमलेश पासवान चुनाव मैदान में उतरे। कमलेश का मुकाबला बसपा के श्रीनाथ जी से था। कमलेश ने ये चुनाव 52,787 वोटों के अंतर से जीता।

2014 के चुनाव देशभर में चली मोदी लहर में ये सीट दूसरी बार भाजपा की झोली में आई। कमलेश पासवान ने 1 लाख 89 हजार 516 मतों के बड़े अंतर से जीत हासिल की। कमलेश का मुकाबला बसपा के सदल प्रसाद से था। कमलेश को 417,959 (47.61 प्रतिशत) और सदल प्रसाद को 228,443 (26.02 प्रतिशत) वोट मिले। सपा और कांग्रेस प्रत्याशी तीसरे व चौथे नंबर पर रहे।

2019 के आम चुनाव में कमलेश पासवान को पार्टी ने तीसरी बार मैदान में उतारा। इस बार शानदार जीत के साथ कमलेश ने जीत की हैट्रिक लगाई। चुनाव में कमलेश को बसपा के सदल प्रसाद ने टक्कर दी। कमलेश के खाते में 546,673 (56.37 प्रतिशत) वोट आए। वहीं सदल प्रसाद को 393,205 (40.55 प्रतिशत) वोट मिले। इस चुनाव में सपा-बसपा का गठबंधन था। कांग्रेस ने इस सी पर अपना प्रत्याशी खड़ा नहीं किया था।

गौरतलब है कि, भाजपा की टिकट पर चौथी बार कमलेश पासवान चुनाव मैदान में है। इस सीट पर भले ही महाबीर प्रसाद चार बार जीते हों, लेकिन लगातार चार बार जीतने का कारनामा अब तक किसी ने नहीं किया। कमलेश के पास लगातार चार बार जीतने का मौका है।

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