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लोस चुनाव : फर्रुखाबाद ने आज तक किसी महिला को सांसद नहीं चुना, जानें पूरा इतिहास…

 

लखनऊ  (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में फर्रुखाबाद को पोटैटो सिटी के नाम से जाना जाता है। फर्रुखाबाद संसदीय सीट पहला चुनाव साल 1952 में हुआ था। पिछले 67 वर्षों में इस सीट से कोई महिला प्रत्याशी जीतकर दिल्ली नहीं पहुंची। कांग्रेस और भाजपा जैसे बड़े दलों ने यहां से महिला प्रत्याशी मैदान में उतारे। लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली। उल्लेखनीय है कि पिछले चुनाव की तरह इस चुनाव में भी कोई महिला प्रत्याशी मैदान में नहीं है।

 

पहले 6 चुनाव में महिला प्रत्याशी मैदान में नहीं उतरी

 

1952 से लेकर 1977 तक इस सीट पर हुए 6 चुनाव में कुल 36 प्रत्याशियों ने चुनाव के मैदान में अपनी किस्मत आजमाई। लेकिन किसी भी चुनाव में कोई महिला प्रत्याशी मैदान में नहीं उतरी। पहले पांच में कांग्रेस यहां से जीती और 1977 में भारतीय लोकदल के प्रत्याशी ने जीत का झंडा फहराया।

 

1980 में महिला प्रत्याशी मैदान में उतरी

 

7वीं लोकसभा के 1980 में हुए चुनाव में फर्रुखाबाद संसदीय सीट के इतिहास में पहली बार कोई महिला प्रत्याशी मैदान में उतरी। इस चुनाव में कुल 18 प्रत्याशी मैदान में थे। निर्दलीय प्रत्याशी कमला देवी कश्यप को 4245 (1.24 प्रतिशत) वोट हासिल हुए। ये चुनाव जनता पार्टी के दयाराम शाक्य ने जीता था। इस चुनाव में 3 लाख 41 हजार 869 वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। 1980 के आम चुनाव के बाद 1989, 1991 के चुनाव में कोई महिला प्रत्याशी मैदान में नहीं थी।

 

1996 में तीन महिलाएं मैदान में

 

11वीं लोकसभा के चुनाव में फर्रुखाबाद सीट से 43 प्रत्याशी मैदान में थे, जिसमें तीन महिला प्रत्याशी शामिल थीं। जिसमें आल इंडिया इंदिरा कांग्रेस (तिवारी) से प्रतिमा चतुर्वेदी ओर दो निर्दलीय प्रत्याशी थी। तीनों महिला प्रत्याशियों को कुल जमा 9056 वोट हासिल हुए। इसके बाद 1998 के चुनाव में महिला प्रत्याशी मैदान में नहीं उतरी।

 

1999 के चुनाव में कांग्रेस ने उतारी महिला प्रत्याशी

 

13वीं लोकसभा के चुनाव में पहली बार किसी राष्ट्रीय दल ने फर्रुखाबाद से महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा। कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद को टिकट दिया। 155,601 (24.58%) वोट हासिल कर लुईस तीसरे स्थान पर रही। ये चुनाव समाजवादी पार्टी के चन्द्रभूषण सिंह ने जीता। इस चुनाव में 11 प्रत्याशी मैदान में थे, जिसमें एक महिला थी।

 

2004 में लुईस खुर्शीद दोबारा मैदान में

 

कांग्रेस ने 2004 के चुनाव में दोबारा लुईस खुर्शीद को टिकट दिया। इस चुनाव में 16 प्रत्याशियों में लुईस अकेली महिला प्रत्याशी थी। लुईस को 173,384 (24.58%) वोट मिले, और वो दूसरे स्थान पर रहीं। ये चुनाव सपा के चन्द्रभूषण सिंह जीते।

 

2009 में भाजपा ने मिथलेश को टिकट दिया

 

15वीं लोकसभा के चुनाव में फर्रुखाबाद में 16 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाने के लिए चुनाव मैदान में थे। इसमें दो महिला प्रत्याशी थी। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार किसी महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा था। भाजपा प्रत्याशी मिथलेश के खाते में 117,951 (19.30%) वोट आए। उनका स्थान चौथा रहा। ये चुनाव कांग्रेस के सलमान खुर्शीद ने जीता।

 

2014 में 2 और 2019 में महिला उम्मीदवार शून्य

 

आम चुनाव 2014 में फर्रुखाबाद सीट से 22 प्रत्याशी मैदान में उतरे, जिसमें 2 महिलाएं थी। भारतीय शक्ति चेतना पार्टी (बीएससीपी) से मैदान में अंजू उतरी, तो वहीं विमला देवी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपनी किस्मत आजमा रही थी। दोनों महिला प्रत्याशियों को कुल मिलाकर 4394 वोट मिले। 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से कुल 9 प्रत्याशी मैदान में उतरे, इसमें कोई महिला प्रत्याशी नहीं थी। बता दें, 2014 और 2019 का चुनाव भाजपा प्रत्याशी मुकेश राजपूत ने जीता था।

 

2024 चुनाव का हाल

 

फर्रूखाबाद संसदीय सीट के लिए कुल 08 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। भाजपा से मुकेश राजपूत, बसपा से क्रान्ति पाण्डेय और सपा से डा0 नवल किशोर शाक्य प्रत्याशी है। पिछले चुनाव की तरह इस चुनाव में कोई महिला प्रत्याशी मैदान में नहीं है।

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