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लोस चुनाव : उप्र सातवें चरण की 13 में से 11 सीटों पर हैट्रिक के साथ क्लीन स्वीप करेगा एनडीए!

लखनऊ, हि.स.)। 18वीं लोकसभा के सातवें चरण में उत्तर प्रदेश की 13 सीटों पर वोटिंग होगी। पिछले चुनाव में 13 सीटों में से 11 सीटे एनडीए ने जीती थी। भाजपा के खाते में 9 और अपना दल सोनेलाल के खाते में 2 सीटें आई थी। बसपा ने 2 सीटें जीती थी। इस चरण की 11 सीटें ऐसी थी जहां भाजपा और अपना दल प्रत्याशी लगातार दूसरी बार जीते थे।

2024 के चुनाव में एनडीए सातवें चरण की सीटों पर क्लीन स्वीप के साथ 11 सीटों पर जीत की हैट्रिक लगाना चाहता है। इस चरण के 13 लोकसभा क्षेत्रों में कुल 65 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें से 43 सीटों पर भाजपा का कब्जा है। वहीं सपा 11, अपना दल सोनेलाल 2, सुभासपा 4, निषाद पार्टी 3 सीटों पर काबिज है। 1-1 सीट कांग्रेस और बसपा के खाते में है। उल्लेखनीय है कि, अपना दल सोनेलाल, निषाद पार्टी और सुभासपा भाजपानीत एनडीए के घटक दल हैं। इस चरण में भाजपा 11 और 2 सीटों पर अपना दल सोनेलाल के प्रत्याशी मैदान में हैं।

2019 चुनाव में जीती एनडीए के खाते में 11 सीटें

17वीं लोकसभा के आम चुनाव में भाजपा ने महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव (सु0), सलेमपुर, बलिया, चंदौली और वाराणसी कुल 9 सीटें जीती थी। मिर्जापुर और राबर्टसगंज (सु0) सीटें भाजपा के सहयोगी अपना दल सोनेलाल के खाते में गई। घोसी और गाजीपुर सीट पर बसपा ने जीत का झंडा गाड़ा था। 2014 के चुनाव में भाजपा और अपना दल ने मिलकर क्लीन स्वीप किया था। 2024 के चुनाव में भाजपा 9 और अपना दल 1 सीटों पर जीत की हैट्रिक लगाना चाहेंगे। वहीं भाजपा घोसी और गाजीपुर में पिछले चुनाव में मिली हार को इस बार जीत में बदलना चाहेगी।

भाजपा ने चार सीटों पर उतारे नए चेहरे

सातवें चरण में भाजपा ने अपने हिस्से की 11 में से 4 सीटों पर इस बार नये चेहरे मैदान में उतारे हैं। बाकी 7 सीटों पर उसने प्रत्याशी रिपीट किये हैं। वहीं अपना दल ने अपने हिस्से की 2 में से 1 सीट पर प्रत्याशी बदला है।

2019 के चुनाव में भाजपा घोसी और गाजीपुर सीटें बसपा के हाथों हार गई थी। पिछले चुनाव में भाजपा की टिकट पर घोसी से हरिनारायण और गाजीपुर से मनोज सिन्हा प्रत्याशी थे। घोसी से बसपा के अतुल कुमार सिंह और गाजीपुर से अफजाल अंसारी जीते थे। इस चुनाव में गाजीपुर से पारस नाथ राय और घोसी से डॉ.अरविन्द राजभर को प्रत्याशी बनाया है। देवरिया और बलिया सीटें भाजपा ने पिछले चुनाव में जीती थी। देवरिया से भाजपा ने मौजूदा सांसद रमापति राम त्रिपाठी की जगह शशांक मणि और बलिया से मौजूदा सांसद वीरेन्द्र सिंह की जगह नीरज शेखर को मैदान में उतारा है।

राबर्टसगज में पकौड़ी लाल की जगह रिंकी मैदान में

अपना दल सोनेलाल ने पिछले चुनाव में मिर्जापुर और राबर्टसगंज (सु0) दो सीटें जीती थी। मिर्जापुर से अपना दल सोनेलाल की प्रमुख व मोदी सरकार में राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल जीती थी। वहीं राबर्टसगंज सुरक्षित सीट से पकौड़ी लाल सांसद बने थे। मिर्जापुर से अपना दल प्रमुख अनुप्रिया पटेल तीसरी बार खुद मैदान में हैं। वहीं राबर्टसगंज सुरक्षित सीट से मिर्जापुर जिले की छानवे सीट की विधायक रिंकी कौल को उनके ससुर मौजूदा सांसद पकौड़ी लाल कौल का टिकट काटकर मैदान में उतारा है।

कौन है मैदान में

भाजपा की ओर से महाराजगंज मोदी सरकार के राज्य मंत्री पंकज चौधरी, गोरखपुर से रवीन्द्र शुक्ला उर्फ रवि किशन, कुशीनगर से विजय कुमार दूबे, देवरिया से शशांक मणि, बांसगांव (सु0) से कमलेश पासवान, घोसी से डॉ. अरविन्द राजभर, सलेमपुर से रविन्दर कुशवाहा, बलिया से नीरज शेखर, गाजीपुर से पारस नाथ राय, चन्दौली से डॉ0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय, वाराणसी से पीएम नरेन्द्र मोदी मैदान में हैं।

इन सीटों पर भाजपा लगाएगी जीत की हैट्रिक

महाराजगंज सीट से केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने पिछले दो चुनाव जीते हैं, इस बार पंकज जीत की हैट्रिक लगाने के लिए मैदान में हैं। गोरखपुर सीट 2014 में भाजपा की टिकट पर योगी आदित्यनाथ और 2019 में रवीन्द्र शुक्ला उर्फ रवि किशन जीते थे। रवि किशन तीसरी बार कमल खिलाने के लिए चुनावी समर में उतरे हैं। कुशीनगर सीट 2014 में भाजपा के राजेश पाण्डेय और 2019 में विनय कुमार दुबे ने जीती थी। विनय कुमार दुबे इस सीट पर तीसरी बार कमल खिलाने की तैयारी में हैं। देवरिय सीट 2014 में कलराज मिश्र और 2019 में रमापति राम त्रिपाठी ने कमल खिलाया था। इस बार इस सीट पर कमल खिलाने की जिम्मेदारी शशांक मणि के कंधों पर है।

बांसगांव सुरक्षित सीट से कमलेश पासवान पिछले तीन चुनाव जीते हैं, वो चौथी जीत के लिए मैदान में डटे हैं। सलेमपुर से रवीन्द्र कुशवाहा पिछले दो चुनाव में कमल खिला चुके हैं, इस बार वो हैट्रिक की तैयारी में हैं। बलिया से 2014 में भारत सिंह और 2019 में वीरेन्द्र सिंह ने कमल खिलाया। इस बार नीरज शेखर को कमल खिलाने की जिम्मेदारी पार्टी ने सौंपी है। चंदौली से पिछले लगातार दो चुनाव भाजपा के डॉ महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने जीते। डॉ. पाण्डेय तीसरी जीत के लिए मैदान में डटे हैं। वाराणसी सीट से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले दो चुनाव में विजयी हुए है। तीसरी बार पीएम मोदी ऐतिहासिक जीत दर्ज करने की ओर अग्रसर हैं।

एक सीट पर हैट्रिक की तैयारी में अपना दल

मिर्जापुर सीट पर 2014 और 2019 का चुनाव अपना दल सोनेलाल की प्रमुख अनुप्रिया पटेल ने विजय दर्ज की। अनुप्रिया पटेल जीत की हैट्रिक के लिए मैदान में हैं। राबर्टसगंज सीट 2014 में भाजपा के खाते में थी। तब अपना दल ने मिर्जापुर के अलावा प्रतापगढ़ से चुनाव जीता था।

चार सीटों पर पार्टी और प्रत्याशी दोनों की हैट्रिक

महाराजगंज, सलेमपुर, चंदौली, वाराणसी से भाजपा ने जो प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं, उन्होंने लगातार पिछले दो चुनाव जीते हैं, ऐसे में यहां भाजपा तीसरी बार जीतकर कीर्तिमान बनाएगी ही, वहीं व्यक्तिगत तौर पर जीत की हैट्रिक का रिकार्ड भी प्रत्याशियों के नाम भी दर्ज हो जाएगा। बांसगांव में भाजपा के कमलेश पासवान ने पिछले तीन चुनाव जीते हैं, इस बार वो चौथी जीत का रिकार्ड बना सकते हैं।

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