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लोकसभा चुनाव : उप्र में 5वें चरण में मोदी-योगी सरकार के छह मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर

लखनऊ  (हि.स.)। लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल समेत आठ राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की 49 सीटों पर सोमवार को मतदान होना है। इस चरण में उत्तर प्रदेश में 14 सीटों पर मतदान होगा। पिछले चुनाव में इन 14 सीटों में से 13 पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस चरण में उत्तर प्रदेश में मोदी सरकार के पांच और योगी सरकार के एक मंत्री की प्रतिष्ठा दांव पर है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं। लखनऊ सीट पर 1991 से भाजपा काबिज है। 2014 के चुनाव में राजनाथ ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रो. रीता बहुगुणा जोशी को 2 लाख 72 हजार 749 मतों के अंतर से शिकस्त दी थी। वहीं 2019 के चुनाव में राजनाथ ने सपा प्रत्याशी पूनम शत्रुघन सिन्हा को 3 लाख 47 हजार 302 वोटों के अंतर से हराया था। 2024 के चुनाव में राजनाथ से मुकाबले के लिए सपा के रविदास मेहरोत्रा और बसपा के मोहम्मद सरवर मलिक मैदान में हैं। राजनाथ के सामने विपक्ष बड़ी चुनौती नहीं दे पाया। इस सीट पर राजनाथ जीत की हैट्रिक लगाने के लिए प्रयासरत हैं।

वर्ष 2019 के चुनावमें अमेठी से भाजपा प्रत्याशी एवं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को परास्त किया था। कांग्रेस और गांधी परिवार के लिए अपने ही गढ़ में मिली हार किसी सदमे से कम नहीं थी। इसके जीत के बाद स्मृति ईरानी का पार्टी और सरकार में कद बढ़ा। 2024 के चुनाव में स्मृति ईरानी पूरी दमखम के साथ मैदान में हैं। राहुल इस बार अमेठी की बजाय रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने इस सीट पर गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल पर दांव लगया है। बसपा से नन्हे सिंह चौहान मैदान में हैं। पिछले पांच साल में स्मृति ने अमेठी के विकास के काफी कुछ किया है। विकास से आया परिवर्तन क्षेत्र में दिखाई भी देता है। स्मृति अपनी जीत का लेकर आश्वस्त दिखाई देती हैं। कांग्रेस ने भी इस सीट से अपनी प्रतिष्ठा जोड़ लिया है। प्रियंका गांधी रायबरेली और अमेठी क्षेत्र में कैम्प कर रही हैं।

केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री कौशल किशोर भाजपा के टिकट पर तीसरी बार मोहनलालगंज सुरक्षित सीट से मैदान में हैं। कौशल किशोर ने 2014 में बसपा के आरके चौधरी को हराकर यहां कमल खिलाया था। 2019 के चुनाव में कौशल किशोर ने ये सीट एक लाख से ज्यादा वोट के अंतर से बसपा के छोटे लाल वर्मा को शिकस्त दी थी। 2019 के चुनाव में बसपा-सपा का गठबंधन था। इस बार कांग्रेस-सपा गठबंधन और बसपा अकेले मैदान में हैं। सपा ने आरके चौधरी और बसपा ने राजेश कुमार उर्फ मनोज प्रधान को मैदान में उतारा है। सपा इस सीट से तीन बार जीत चुकी है। बसपा भले ही अब तक इस सीट पर जीती न हो लेकिन यहां उसके ठीक-ठाक वोटर हैं। इस बार यहां मुकाबला त्रिकोणीय है। कौशल किशोर के पास तीसरी बार जीतकर हैट्रिक बनाने का अवसर है।

फतेहपुर संसदीय सीट से केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति तीसरी बार चुनाव में हैं। निरंजन ज्योति ने 2014 और 2019 करीब 2 लाख मतों के अंतर से ये सीट जीती थी। इस बार निरंजन ज्योति जीत की हैट्रिक लगाना चाहेगी। सपा की ओर से पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नरेश चन्द्र उत्तम पटेल मैदान में हैं। स्थानीय नरेश उत्तम की कुर्मी वोटरों पर अच्छी पकड़ है। 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा ने यह सीट जीती थी। बसपा ने कानपुर निवासी मनीष सिंह सचान को टिकट दिया है। मनीष सपा के कुर्मी वोटरों मे सेंधमारी करेंगे। निषाद समाज से आने वाली निरंजन ज्योति की सर्वसमाज पर अच्छी पकड़ है, इसलिए वो दो बार अच्छे मार्जिन से यहां से जीती हैं। हालांकि इस बार उन्हें कड़ी चुनौती मिल रही है।

बंदुेखण्ड क्षेत्र की सुरक्षित संसदीय सीट जालौन से केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्यमंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा तीसरी बार मैदान में हैं। 2014 मे भानु प्रताप ने बसपा के बृजलाल खाबरी और 2019 में बसपा के अजय सिंह पंकज को हराया था। 2024 के चुनाव में सपा ने नारायण दास अहिरवार और बसपा ने सुरेश चन्द्र गौतम पर दांव लगाया है। भाजपा प्रत्याशी की चुनौती पार्टी के असंतुष्टों को साथ लेकर चलने की होगी। इसी तरह सपा प्रत्याशी के लिए भी चुनौतियां हैं। पिछले चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के बावजूद भाजपा प्रत्याशी डेढ़ लाख से ज्यादा वोट से जीता था। बसपा के लिए अपने कोर वोट बैंक दलित समुदाय को बचाए रखने की चुनौती है। सपा-कांग्रेस का गठबंधन है। जबकि बसपा अकेले ही चुनाव लड़ रही है। ऐसे में हैट्रिक की आस लगाए भाजपा के लिए त्रिकोणीय मुकाबला होगा।

रायबरेली सीट पर पूरे देश की नजरें टिकी हैं। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। योगी सरकार के उद्यान राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार दिनेश प्रताप सिंह राहुल को चुनौती देने के लिए मैदान में हैं। बसपा ने ठाकुर प्रसाद यादव पर दांव लगाया है। सबसे दिलचस्प मुकाबला इस सीट पर देखने का मिल रहा है। 2019 के चुनाव में दिनेश प्रताप ने सोनिया गांधी को टफ फाइट दी थी। जिसके चलते सोनिया गांधी के वोट शेयर में करीब 8 फीसदी की कमी आई थी। गांधी परिवार की प्रतिष्ठा इस सीट से जुड़ी है। खुद प्रियंका गांधी यहां कैम्प कर रही हैं। रायबरेली के नतीजों का सबको इंतजार है।

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