बरेली। देहात के फरीदपुर में हुए लेखपाल मनीष कश्यप के अपहरण और हत्या के मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। इस मामले में फरीदपुर कोतवाली इंस्पेक्टर राहुल सिंह को एसएसपी अनुराग आर्य ने लाइन हाजिर कर दिया है। लंबे समय की वेटिंग के बाद राहुल सिंह को पिछले महीने ही फरीदपुर का इंस्पेक्टर बनाया गया था।
एडीजी के आदेश पर दर्ज हुई थी रिपोर्ट:
घटना के बाद पुलिस ने प्रारंभिक तौर पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। मनीष कश्यप के अपहरण के बाद परिजनों ने कई बार पुलिस से शिकायत की, लेकिन पुलिस ने आठ दिनों तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की।
जब मामला एडीजी रमित शर्मा तक पहुंचा तो पुलिस ने आठ दिन बाद एफआईआर दर्ज की और जांच शुरू की। बीती 27 नवंबर को मनीष कश्यप का अपहरण हुआ था, जबकि पुलिस ने 3 दिसंबर को मुकदमा दर्ज किया। 15 दिसंबर को कैंट इलाके में नाले के पास मनीष कश्यप का कंकाल बरामद हुआ।
इस मामले में सीओ और इंस्पेक्टर पर गंभीर आरोप लगे थे कि उन्होंने समय पर कार्रवाई नहीं की। इस वजह से परिजनों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा। वही लेखपालों ने भी कार्य बहिष्कार कर दिया था और इंस्पेक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी।