- तटवर्ती क्षेत्र के लोगों की नींद उड़ी
- गंगा आरती का स्थान भी बदला, एनडीआरएफ टीम सतर्क
वाराणसी, (हि.स.)। पहाड़ों पर लगातार हो रही बरसात के चलते गंगा की लहरें फिर उफान मारने लगी है। जलस्तर में बढ़ाव से पहले से ही घाटों का सम्पर्क मार्ग डूबा हुआ है। जलस्तर में बढ़ाव की गति देख तटवर्ती क्षेत्र के साथ सहायक नदी वरूणा के किनारे भी बाढ़ की आशंका गहराने लगी है। रविवार को सुबह आठ बजे तक गंगा का जलस्तर 66.52 मीटर दर्ज किया गया। गंगा का जलस्तर 10 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। बताया गया कि रविवार तड़के गंगा का जलस्तर 04 सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा था। लेकिन सुबह 07 बजे तक रफ्तार की गति 10 सेंटीमीटर प्रतिघंटा हो गई। जलस्तर में बढ़ाव की गति देख घाट किनारे रहने वालों की चिंता बढ़ गई है। गंगा में चेतावनी बिंदू 70.262 मीटर और खतरे का निशान 71.262 मीटर है। गंगा में बढ़ाव को देख मोक्षतीर्थ मणिकर्णिकाघाट और हरिश्चन्द्रघाट पर उंचे स्थानों पर शवदाह हो रहा हैं । शवयात्रियों को अपने परिजनों के पार्थिव शरीर का अन्तिम संस्कार करने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। सामनेघाट स्थित गंगा के किनारे बने कालोनियों में लोगों की बाढ़ की आशंका से नींद उड़ गई है। गंगा के जलस्तर में बढ़ाव की गति देख नौका संचालन पर रोक लगाई गई है। एनडीआरएफ टीम के साथ पीएसी और जल पुलिस भी सतर्क है। गंगा किनारे अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। गंगा आरती का स्थान भी बदलना पड़ा है। वाराणसी और आसपास के जनपदों में भी गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। फिलहाल वाराणसी में गंगा अभी चेतावनी बिंदू के नीचे है। लेकिन बढ़ाव की गति देख कर अनुमान लगाया जा रहा है कि गंगा चेतावनी बिंदू तक पहुंच सकती है।