कानपुर। नेशनल इंवेस्टीगेटिव एजेंसी यानि एनआईए ने बुधवार को यूपी के कई जिलों में छापेमारी की। पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया यानि पीएफआई की जड़ें खोदने के लिए के लिए एनआईए बड़े पैमाने पर कार्रवाई कर रही है। एनआईए ने कानपुर के मूलगंज थाना क्षेत्र से भी एक डॉक्टर और उनके दो बेटों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
क्या है पूरा मामला
पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया से करीबी रिश्तों की पड़ताल के लिए एनआईए ने बुधवार को पूरे प्रदेश में छापेमारी की है। सूत्र बताते हैं कि सुबह एनआईए की टीम बिसातखाना निवासी डॉ. अबरार और उनके दो बेटों को लेकर मूलगंज थाने पहुंची। यहां एक बंद कमरे में इनसे पूछताछ की जा रही है। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर शहर में उपद्रव के बाद पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया के पांच सदस्यों को कानपुर से गिरफ्तार किया था। उस वक्त भी डॉक्टर अबरार को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई थी। लेकिन, पुलिस ने उसे छोड़ दिया था। बाद में भी कई बार डॉक्टर अबरार का नाम पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया के साथ जोड़ा गया।
इन जिलों में एनआईए कर रही छापेमारी
गौरतलब है कि बुधवार को एनआईए की टीम पीएफआई और उससे जुड़े अन्य संगठनों के ठिकानों पर यूपी के कई जिलों में छापेमारी कर रही है। जिन जगहों पर पीएफआई से जुड़े लोगों की तलाश के लिए एनआईए छापेमारी कर रही है, उनमें लखनऊ, कानपुर, बाराबंकी, बहराइच, सीतापुर, फतेहपुर और हरदोई शामिल है। एनआईए ने कानपुर से एक डॉक्टर और उनके दो बेटों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
भदोही में भी एनआईए ने की कार्रवाई
यूपी के भदोही में भी प्रतिबंधित संगठन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया के खिलाफ कार्रवाई के सिलसिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की लखनऊ व बिहार की टीम ने बुधवार सुबह मर्यादपट्टी मामदेवपुर रोड स्थित शोएब आलम के मकान और उनकी अजीमुल्ला चौराहे पर डाटा हिल ट्रेवल एजेंसी के आफिस में छोपमारी की। टीम ने दोपहर 12 बजे तक उनके घर के एक-एक कमरे को खंगाला। शोएब आलम का मोबाइल, उसके दो सिम और मासिक पत्रिका वहदत और ताहर ट्रस्ट के नाम से 2018 में छपी रसीद बुक आदि सील कर कब्जे में ले ली। उनसे और परिवार के अन्य सदस्यों से पूछताछ भी की।
छह घंटे तक हुई पूछताछ
बताया जा रहा कि उनसे पूछा गया कि गाइडेंस पब्लिकेशन के डा. ख्वाजा के बारे में क्या जानते हैं। जवाब मिला कि वह उन्हें लंबे समय से जानते हैं। उनसे मदरसों में सम्मेलन के दौरान मुलाकात हुई थी और नियमित बातचीत होती है। घर के बाहर जुटे कुछ लोग मोबाइल फोन से फोटो खींच रहे थे, उसे जब्त कर फोटो डिलीट कराया गया। घर में कुछ बाहरी लोगों के पासपोर्ट भी मिले। इस पर शोएब ने बताया कि वह यूपी हज कमेटी के सदस्य हैं। हज जाने वालों का पासपोर्ट आदि बनवाने का काम करते हैं। पूछताछ के बाद टीम ने सभी पासपोर्ट छोड़ दिए। छह घंटे जांच के बाद टीम रवाना हो गई।