लखनऊ (हि.स.)। कुकरैल नदी की जमीन को खाली कराने की मुहिम में अब अबरार नगर का नम्बर है। अबरार नगर में बड़े और ऊंचे मकानों, इमारतों की भरमार है। इन इमारतों में बैठकर यहां के व्यापारी दूसरे राज्यों और देशों तक अपने व्यापार करते है। अबरार नगर के चिन्हित हो रहे मकानों, इमारतों को गिराये जाने की तैयारी से यहां के व्यापारी खौफ में है।
अबरार नगर में रहने वाले तमाम व्यापारी अपने मकान से ही आनलाइन व्यापार करते है। यहां के लोगों को रोजगार भी दिये हुए है। यहां पर रहने वाले आर्टिफिशियल ज्वैलरी, चिकनकारी के कपड़ों, पैक मटन, दशहरी आम जैसे व्यापार करते है। यहां जो लोग पढ़े लिखे नहीं है, वह व्यापारियों के काम करते है। व्यापार से जुड़े कार्यो जैसे माल तैयार करना, उसे एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाना, माल लादना, फुटकर में बेचकर जीवन चलाते है।
अबरार नगर में रहने वाले वसीम ने बताया कि वह चिकनकारी का काम सीखने के बाद अपना व्यापार आरम्भ किये। आनलाइन व्यापार के माध्यम से उन्होंने अपने व्यापार को दूसरे राज्यों तक बढ़ाया हैं। उनके इस काम में कारीगरों की जरुरत होती है, जो उन्हें लखनऊ व बाराबंकी से मिल जाते है। व्यापार बहुत दिनों से चल रहा है और अच्छा चल रहा है। अब कुकरैल की जमीन की पंचायत आ गयी, जिसमें बहुत सारे मकान तोड़े जायेंगे।
उन्होंने बताया कि अकबर नगर का मंजर देखकर हमारे मन में भय तो है ही, अपना बना हुआ घर कोई नहीं उजाड़ता है। न ही उजड़ता हुआ देखना चाहता है। जमा जमाया व्यापार है, फिर नई जगह पर नये शिरे से सभी कुछ करना होगा। धंधा जमाने में जमाना लग जाता है।
सीतापुर जनपद से आकर लखनऊ के अबरार नगर में बस गये मोहम्मद जाबिर ने कहा कि हमारे क्षेत्र में एलडीए के अधिकारी आये थे, कुछ मकानों को चिन्हित कर गये है। इससे दहशत का माहौल है। वह हर मौसम में अलग अलग फलों का ठेला लगता है। इस वक्त वह आम बेच रहा है। उसके घर के सदस्यों में बड़ा डर है कि वह यहां से उजाड़ दिये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि अबरार नगर में रहते हुए उन्हें वर्षो हो गये। एक झटके में उन्हें हटाया जाना ठीक नहीं है। हम अपने क्षेत्र को नहीं छोड़ेगें, शासन प्रशासन के बुलडोजर का विरोध करेंगे। मकान बराबर मुआवजा लेंगे या फिर अबरार नगर में ही जमे रहेंगे। हमारे घर से हमें कोई भी नहीं निकाल सकता है।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय के आफिशियल ट्वीटर हैंडल से भी कुकरैल नदी की स्वच्छता और जमीन को खाली कराने को लेकर एक वीडियो अपलोड किया गया है। कुकरैल नदी की जमीन खाली कराने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान उस वीडियो में रखा गया है, जिसमें अभी तक के अभियान की जानकारी को मुख्यमंत्री साझा कर रहे हैं।
वहीं एलडीए और सिंचाई विभाग की टीमों ने कुकरैल नदी की जमीन की लम्बाई और चौड़ाई मापने के लिए सेटलाइट मैप का सहारा ले रही है। जिससे हर एक मकान और दुकान की स्थिति स्पष्ट हो सके। मैप के माध्यम से तस्वीर सामने आने के बाद करीब पांच सौ से छह सौ मकान, दुकान इसके घेरे में आ रहे हैं।