लखनऊ, (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने सोमवार को लखनऊ के मानक नगर क्षेत्र से 50 हजार रुपये के इनामी अबू सालेह मंडल को गिरफ्तार किया है। वह रोंहिग्याओं, बांग्लादेशियों को अवैध तरीके से भारत लाने और उनकी आर्थिक मदद करता था। उसने ट्रस्ट के माध्यम से 58 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग की है। उसके खातों को सीज कर दिया गया है।
एसटीएस की ओर से मिली प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, अबू सालेह मंडल पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। देवबंद दारूल उलेमा मदरसा से शैक्षिक योग्यता मौलाना की पढ़ाई की है। उसके पास से एक लाख 16 हजार 976 रुपये, अलग-अलग जन्मतिथि के दो आधार कार्ड, दो मोबाइल फोन बरामद किया है।
पूछताछ में उसने बताया कि हरोआ-अल जमियातुल इस्लामिया दारूल के ट्रस्टों का संचालक है। ट्रस्टों के एफसीआरए खातों में विदेशों से वर्ष 2018 व 2022 तक तकरीबन 58 करोड़ रुपये विदेशी फंडिंग की है। रुपये के एक बड़े हिस्से को अपने सहयोगियों की मदद से फर्जी बिलिंग कराकर नगद के रूप में प्राप्त कर लेता है। कुछ धन हवाला के जरिये भी मिलता है, जिससे वह भारत में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्याओं एवं बांग्लादेशियों की आर्थिक मदद करता है। पैसों का भारत के विभिन्न राज्यों में भेजकर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में भी प्रयोग किया जाता है। उसने स्वीकारा कि अब्दुल्ला गाजी नाम के युवक के साथ मिलकर गाजी फूड्स एवं गाजी मैसनरीज नाम से फर्जी फर्म बनाकर भी बिलिंग की है। यह फर्म केवल कागजों में है। आरोपित से विस्तृत जानकारी हासिल करने के लिए एटीएस पूछताछ कर रही है।
उल्लेखनीय है कि काफी समय से यह सूचनाएं मिल रही थी कि कुछ व्यक्तियों के द्वारा एक सिंडिकेट बनाया गया है। जो अवैध घुसपैठियों को उनकी पहचान छिपाकर भारत में बसाते और उनको आर्थिक सहयोग कर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। ऐसी कई सूचनाओं के बाद इन्हें पकड़ने के लिए एटीएस सक्रिय थी। एटीएस ने छह आरोपित बांग्लादेश निवासी आदिलुर रहमान असरफी, तानिया मंडल, इब्राहिम खान, पश्चिम बंगाल निवासी अबु हुरैरा गाजी, शेख नजीबुल हक और आसाम निवासी मोहम्मद अब्दुल अव्वल को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। एटीएस ने अब मानक नगर के आलमबाग इंटर कॉलेज के पास से गिरफ्तार किया है। उस पर 50 हजार रुपये का इनाम था। एटीएस उससे पूछताछ कर रही है।