लखनऊ (ईएमएस)। एआईसीसी ऑफिस में शीर्ष नेतृत्व के साथ यूपी कांग्रेस के नेताओं की बैठक हुई। इस दौरान लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों की समीक्षा की गई। बैठक के दौरान राहुल गांधी यूपी कांग्रेस के नेताओं से नाखुश दिखे। राहुल ने कहा कि यूपी में पार्टी के अंदर उत्साहित नेताओं की कमी है। राहुल ने कहा कि यूपी कांग्रेस के नेता केंद्रीय नेतृत्व के भरोसे रहना चाहते हैं, जिसकी वजह से ना वहां पार्टी खड़ी हो पा रही है और ना जीत मिल रही है, जबकि तेलंगाना के नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व के सहयोग से पार्टी खड़ी कर चुनाव जीत लिया। वहां चार नेता थे जो सीएम बनना चाहते थे, इसकारण सभी ने मेहनत की और सभी की मेहनत से पार्टी ने तेलंगाना में जीत दर्ज की।
यूपी में इसतरह के तीन नेता नहीं हैं जो मुख्यमंत्री बनने का सपना देखते हों और उस पूरा करने के लिए कुछ कर गुजरने का माद्दा रखते हों।
एक अन्य कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी का हर सदस्य चाहता है कि गांधी परिवार के सदस्य यूपी में पार्टी के अभियान का नेतृत्व करें, लेकिन उन्हें यकीन नहीं है कि आगामी लोकसभा चुनाव में वे राज्य में कितने सक्रिय होते हैं। कई नेताओं ने कहा कि मुसलमान इस चुनाव में कांग्रेस की ओर देख रहे हैं, लेकिन पार्टी को मजबूत सीटों पर मजबूत उम्मीदवारों को सुनिश्चित करना होगा और उन्हें अपने गठबंधन में सपा से लाना होगा। जबकि कुछ लोगों ने सोचा कि वे बसपा के साथ गठबंधन कर सकते हैं, उन्हें बताया गया कि उनके साथ कोई बातचीत नहीं हुई है। अलग-अलग मुद्दे सामने आए, लेकिन सभी की राय थी कि पार्टी को कड़ी सौदेबाजी करनी चाहिए और न केवल सम्मानजनक हिस्सेदारी बल्कि मजबूत सीटें भी हासिल करनी चाहिए।
बैठक के दौरान यूपी के पार्टी नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व के सामने अपनी बात रखी है। पार्टी ने नेताओं ने यूपी में पहले की तरह गांधी परिवार के सदस्यों की सक्रिय मौजूदगी देखने की इच्छा जाहिर की। यूपी कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि राज्य के कुछ नेताओं ने 20 दिसंबर से शुरू हुई यूपी जोड़ो यात्रा में राहुल या प्रियंका की भागीदारी का भी अनुरोध किया है। केंद्रीय नेतृत्व ने उनसे कहा कि वह उनके अनुरोध पर विचार करेगा।