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राम मंदिर के लिए रामभक्तों में ऐसा था जुनून : जब छह माह की बेटी, बेटे व पत्नी की छोड़कर जेल चले गए थे देशराज देसी

गाजियाबाद,13 जनवरी(हि.स.)। 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन की पूरे देश भर में तैयारी चल रही है। इस दिन को देश के लाखों लोग सपना देख रहे थे। जो पूरा होने जा रहा है। ऐसे ही एक शख्स देशराज देसी हैं, जो राम मंदिर निर्माण के लिए दीवानगी की हद तक पहुंच गए थे।

 

देशराज देसी 1990 में राममंदिर आंदोलन के दौरान अपनी 06 माह की मासूम बेटी, 3 साल के बेटे और पत्नी को छोड़कर जेल चले गए थे और वहां से करीब 20-22 दिन बाद लौटे थे। देशराज देसी आज उसे दिन को याद करते हैं और कहते हैं कि हमारी जो तपस्या थी और जो अयोध्या में राम मंदिर का सपना था, वह 22 जनवरी को पूरा हो रहा है। उनका कहना है कि इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और आरएसएस व पूरी भाजपा की मेहनत है।

 

वह बताते हैं कि 18 अक्टूबर 1990 को राम मंदिर निर्माण के लिए भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी को बिहार में गिरफ्तार कर लिया गया था। जिसके बाद देश भर में लाखों की संख्या में आक्रोशित राम भक्त सड़क पर उतर आए थे। वह बताते हैं कि इन राम भक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दिन-रात एक किए हुए थी और 19 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक पुलिस ने उनके घर पर भी छापेमारी की थी और वह फरार रहे। इसके बाद 25 अक्टूबर को उन्होंने राम भक्त मुकेश त्यागी,राजेश्वर भूपेंद्र शर्मा,श्यामसुंदर मल्होत्रा, बुद्ध देव शर्मा व शरद शर्मा आदि के साथ घंटाघर पर जाकर उन्होंने पुलिस के समक्ष गिरफ्तारी दी। उन्हें गिरफ्तार करके जेल ले जाया गया और 26 अक्टूबर 1992 को उन्हें सहारनपुर की सेंट्रल जेल ले जाया गया। बाद में सरकार के आदेश पर सभी राम भक्तों को रिहा कर दिया गया। उन्होंने कहा कि वह दिन आज भी हमें याद है जब हम राम मंदिर के लिए सब कुछ त्यागने के लिए तैयार थे।

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