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राजस्थान नहीं, महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा आत्महत्या कर रहे छात्र, सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

मुंबई, (ईएमएस)। इन दिनों देश भर में आए दिन किसी न किसी छात्र की आत्महत्या अखबारों की सुर्खियां बटोरती हैं. यूं तो राजस्थान का कोटा शहर छात्रों की आत्महत्या को लेकर काफी बदनाम है लेकिन आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहे हैं. दरअसल एक नई रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान नहीं बल्कि महाराष्ट्र से विद्यार्थियों की आत्महत्या की खबरें सबसे ज्यादा आ रही हैं. यानी सुसाइड के मामले में महाराष्ट्र पहले पायदान पर है. गैर लाभकारी संस्था आईसी3 की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, छात्रों की आत्महत्या के मामले आबादी बढ़ने और कुल आत्महत्याएं बढ़ने की दर को पार कर गए हैं. आंकड़ों की बात करें तो रिपोर्ट बताती है कि साल 2021 और 2022 के बीच छात्रों की आत्महत्याएं 4.2 प्रतिशत के दर से बढ़ी है, जबकि कुल आत्महत्याओं के मामलों में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. इस मामले में महाराष्ट्र राजस्थान से भी आगे निकल गया है.

राजस्थान 571 छात्रों की आत्महत्या के मामले के साथ 10वें स्थान पर है जबकि महाराष्ट्र 1764 मामलों के साथ पहले नंबर पर है. साल 2022 में देश में छात्रों की आत्महत्या के 13,089 मामले दर्ज हुए थे जिनमें भी बाद में बढ़ोतरी हुई है. यानी दो दशकों में छात्र आत्महत्या दर, देश में होने वाली कुल आत्महत्याओं से भी ज्यादा है. नेशनस क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, आज से 24 साल पहले यानी साल 2000 में छात्र आत्महत्या के 5,352 केस दर्ज हुए थे जो 2022 आते-आते 13,089 हो गए हैं. साल 2000 में आत्महत्या के कुल 1,08,593 केस थे, जो 2022 में 1,64,033 हो गए. आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र, तमिलनाडू और मध्य प्रदेश लगातार छात्र आत्महत्याओं के मामले में सबसे ऊपर बने हुए हैं.

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