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कानपुर, (हि.स.)। दक्षिणी पश्चिमी मानसून की ट्रफ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ अब गंगा के मैदानी क्षेत्र पर आ टिकी है। इससे इस क्षेत्र में आगामी दिनों में मध्यम से भारी बारिश के आसार बन गये हैं। मौसम विभाग का कहना है कि अगस्त माह के शुरुआती दिनों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तो अच्छी बारिश हुई लेकिन मध्य में अपेक्षाकृत कम हुई, लेकिन अब इस क्षेत्र में भी बारिश की संभावना बढ़ गई है।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने रविवार को बताया कि उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और मध्य जिलों में पिछले 24 घंटों के दौरान मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई है। मुरादाबाद में 101 मिमी, अलीगढ़ में 40, उरई में 14, फुरसतगंज में 26, बांदा में 67, मेरठ में 23 और बरेली में 10 मिमी बारिश दर्ज की गई।मॉनसून की अक्षीय रेखा अब उत्तर प्रदेश और बिहार से होकर गुजर रही है। अब तक दोनों राज्यों में पर्याप्त बारिश दर्ज नहीं की गई है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में 33 प्रतिशत की कमी है जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन बेहतर है और यह 12 प्रतिशत अधिशेष है। 45 प्रतिशत की कमी के साथ बिहार देश में सबसे अधिक वर्षा की कमी वाला राज्य है। अब उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों के साथ-साथ बिहार में भी अच्छी बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने लगेगी। बारिश की ये गतिविधियां अगस्त के पहले पखवाड़े तक जारी रहने की उम्मीद है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश का अधिशेष और बढ़ेगा। जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में बारिश की कमी काफी हद तक कम हो सकती है। इस बारिश से निश्चित तौर पर किसानों को मदद मिलेगी और अगले 8 से 10 दिनों तक गंगा के मैदानी इलाकों में बारिश होगी। इसके अलावा देश के शेष हिस्सों में मानसून की स्थिति कमजोर रहेगी।
बताया कि कानपुर में अधिकतम तापमान 32.8 और न्यूनतम तापमान 27.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह की सापेक्षिक आर्द्रता 86 और दोपहर की सापेक्षिक आर्द्रता 76 प्रतिशत रही। हवाओं की दिशाएं उत्तर पश्चिम रहीं जिनकी औसत गति 5.3 किमी प्रति घंटा रही। कानपुर के मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अगले पांच दिनों में हल्के बादल छाए रहने के कारण नौ अगस्त तक मेघ गर्जना एवं बज्रपात के साथ स्थानीय स्तर पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।