– कालागढ़ डैम से बुधवार शाम 5,000 क्यूसेक और गुरुवार सुबह भी 5000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया
– खो बैराज से गुरुवार को 30 हजार 594 क्यूसेक पानी छोड़ा गया
मुरादाबाद, (हि.स.)। मुरादाबाद में रामगंगा नदी का जलस्तर से चेतावनी स्तर से सिर्फ 32 सेंटीमीटर दूर है। उत्तराखंड के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में बारिश से रामगंगा व कोसी नदी उफान पर हैं। महानगर में नदी किनारे बसे मोहल्ले के लोग सहमे हुए हैं। मकानों के पास पानी पहुंच गया है। नदी के उस पार खेती करने जाने के लिए भी किसानों को नाव का सहारा लेना पड़ रहा है या फिर बैलगाड़ी से जान जोखिम में डालकर पशुओं के लिए चारा ला रहे हैं। रामगंगा नदी का पानी फसलों का कटान कर रहा है। गुरुवार शाम को रामगंगा नदी का जलस्तर 190.28 मीटर दर्ज किया गया, जबकि नदी का चेतावनी जलस्तर 190.60 मीटर हैं। बाढ़ चौकियों को अलर्ट किया गया है और आसपास के गांवों के प्रधानों को भी सचेत किया है।
पिछले तीन-चार दिन से पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में भारी बारिश हो रही है। इससे कालागढ़ डैम का जलस्तर बढ़ गया। कालागढ़ डैम में पानी कम करने के लिए बुधवार शाम 5,000 क्यूसेक और गुरुवार सुबह भी 5000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। खो बैराज से भी 30 हजार 594 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। बारिश और डैम से पानी छोड़ने के चलते रामगंगा नदी उफना गई। महानगर में बंगला गांव के पास में जहां नदी में पांच दिन पहले किनारों से पानी दूर चला गया था, लेकिन अब पानी किनारों को छूकर चल रहा है। नदी में बढ़ते पानी से बंगला गांव, वारसीनगर, जिगर कॉलोनी, जामा मस्जिद, लालबाग मोहल्ले के लोगों की चिंता बढ़ने लगी है। अगर नदी में जलस्तर और बढ़ा तो निचले इलाकों में बने घरों तक पानी पहुंच सकता है।
उधर, देवापुर, इमलाक, रसूलपुर नगला, मछरिया गांव के जंगल में पानी भरा है। मूंढ़ापांडे क्षेत्र में कोसी नदी का भी जलस्तर बढ़ा हुआ है। इससे हरपाल नगर और रनियाठेर के ग्रामीणों को फिर बाढ़ का डर सताने लगा है। बाढ़ नियंत्रण खंड के सहायक अभियंता सुभाषचंद ने बताया कि बारिश और डैम से पानी छोड़ने से रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ा है। नदी का चेतावनी जलस्तर 190.60 मीटर है, जबकि गुरुवार को नदी का जलस्तर 190.28 मीटर रहा। महानगर में भी आसपास रहने वाले लोगों को सावधान किया गया है। वे नदी के पास न जाएं।