लखनऊ, (हि.स.)। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में गरीबों को पक्का मकान देने में कतिपय कारणों से पक्का आवास पाने से वंचित लोगों को आवास देने उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री आवास योजना फरवरी 2018 में प्रारम्भ की गयी, लेकिन इसमें दिव्यांगजनो को प्राथमिकता देने का प्राविधान नहीं था। इसके बाद इसमें दिव्यांगजनों को प्राथमिकता दी गयी। इसके लिए इस वर्ष 65033 दिव्यांगजनों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है।
वर्ष 2018-19 से लेकर वर्ष 2022-23 तक जहां कुल 1.62 लाख मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में आवास आवंटित किए। वहीं मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण इस वर्ष 95,533 लाभार्थियों को आवास आवंटन की तैयारी है। लाभार्थियों के आवास सॉफ्ट पर रजिस्ट्रेशन की कार्यवाही प्रचलित है। इनमें दिव्यांगजनों की संख्या-65033 है।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के 95533 लाभार्थियों के लिए प्रथम किस्त के रूप में तीन अरब 86 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि की स्वीकृति भी की प्रदान की जा चुकी है। इतनी बड़ी संख्या में पहली बार दिव्यांगजनों को मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में आवास दिया जा रहा है। इस संबंध में उपमुख्यमंत्री का कहना है कि यह राज्य सरकार की समाज के सबसे जरूरतमंद लोगों के प्रति संवेदशीलता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत समाज के सबसे निचले पायदान पर स्थिति जरूरतमंद लोगों को आवासीय सुविधा का लाभ देते हुए समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य राज्य सरकार द्वारा किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदा, कालाजार से प्रभावित, वनटांगिया, मुसहर, कोल, सहरिया, थारू, पछइया, गढइया लोहार, चेरो, बैगा, नट, बैगा, दिव्यागंजन वर्ग के परिवार, बोक्सा जेई, एईएस से प्रभावित, कुष्ठ रोग से प्रभावित परिवार एवं प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की पात्रता सूची में सम्मिलित होने से वंचित छतविहीन एवं आश्रयविहीन कच्चे, जर्जर आवासों में रह रहे परिवार और अब दिव्यांगजन योजना की पात्रता श्रेणी में सम्मिलित है। इस योजना में जनपद खीरी, प्रयागराज, जौनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, बलरामपुर, कानपुर देहात कानपुर नगर एवं सोनभद्र में क्लस्टर में आवास निर्माण कराये गये हैं।