प्रयागराज, (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्बास अंसारी व दो अन्य की ओर से षड्यंत्र एवं धोखाधड़ी से जमीन हथियाने के आरोप में कोतवाली गाजीपुर में दर्ज एफआईआर की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर शिकायतकर्ता अबू फख्र खां को नोटिस जारी की है और राज्य सरकार सहित सभी विपक्षियों से छह हफ्ते में जवाब मांगा है।
याचियों का कहना था कि वे सभी जेल में पहले से दूसरे मामले में बंद हैं। इसलिए गिरफ्तारी पर रोक नहीं चाहिए। केवल तथ्य व विधिक मुद्दे पर सुनवाई चाहिए। जिस पर कोर्ट ने विपक्षियों से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी तथा न्यायमूर्ति एम ए एच इदरीसी की खंडपीठ ने अब्बास अंसारी व अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
याची का कहना है कि बिना किसी ठोस सबूत के मनगढ़ंत एफआईआर दर्ज की गई है, जिसे रद्द किया जाय। शिकायतकर्ता द्वारा दर्ज एफआईआर के अनुसार गाजीपुर में सड़क किनारे उसकी कीमती जमीन है। जिसमें होम्योपैथी कालेज है। उसे जबरन मोहम्मदाबाद, दर्जीटोला आवास पर ले जाया गया। जहां अब्बास अंसारी, मुख्तार की पत्नी आफ्सा अंसारी, दो साले अनवर शहजाद व आतिफ रजा ने जमीन का बैनामा करने का दबाव डाला और नेस्तनाबूद करने की धमकी दी।
इसके बाद वे मुख्तार अंसारी से मिलने के लिए लखनऊ जेल ले गये। इसके बाद घर बुलाया और कहा 25 लाख में जमीन बेच दो। 25 अप्रैल 12 को रजिस्ट्री कार्यालय गाजीपुर ले गए। पांच लाख का चेक देकर जमीन का बैनामा करा लिया और उसके बाद बैंक ले गये। पैसा जमा कराकर चेक पर हस्ताक्षर लेकर निकाल लिया। ऐसे कई बार किया गया। 12 अगस्त 12 को पूरी घटना की एफआईआर दर्ज कराई गई है। जिसे चुनौती दी गई है। याचिका की सुनवाई 8 हफ्ते बाद होगी।