मीरजापुर, (हि.स.)। जिले में गंगा जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। शुक्रवार की रात आठ बजे तक 70.82 मीटर गंगा जलस्तर दर्ज किया गया। गंगा जलस्तर का चेतावनी बिंदु 76.724 मीटर व खतरा बिंदु 77.724 मीटर है।
प्रशासन की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, दो सेंटीमीटर प्रति घंटे जलस्तर में बढ़ोत्तरी हो रही है। यही हाल रहा तो अगले कुछ दिनों में चेतावनी बिंदु तक जलस्तर पहुंच सकता है। अगर ऐसा हुआ तो तटवर्ती व नीचले इलाके डूब जाएंगे। ऐसे में लोगों को बाढ़ का भय सताने लगा है।
वर्ष 2021 में गंगा जलस्तर 78.400 मीटर तक पहुंच गया था। जबकि वर्ष 2022 में भी 78.00 मीटर तक जलस्तर दर्ज किया गया था। गंगा जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी के दृष्टिगत अब जनपद के निचले इलाकों के लोगों में चिंता बढ़ने लगी है। बाढ़ से हर वर्ष सदर व चुनार तहसील के करीब 200 से ज्यादा गांव प्रभावित होते हैं। यहां तक कि कई गांवों में आवागमन पूरी तरह से बंद हो जाता है। बाढ़ की संभावना के दृष्टिगत 38 बाढ़ चैकियों की स्थापना की गई है।
हालांकि अभी गंगा खतरे के निशान से सात मीटर नीचे बह रही है। लेकिन बढ़ाव में तेजी आई तो जल्द ही बाढ़ का पानी खतरे के निशान तक पहुंच जाएगा। कोन ब्लाक के हरसिंगपुर, मल्लेपुर मझिगवां के ग्रामीणा गंगा किनारे पहुंचकर बाढ़ का अनुमान लगा रहे हैं। यही हाल सीखड़ और नरायनपुर ब्लाक का है। बाढ़ के पानी से सबसे अधिक कोन ब्लाक के गांव प्रभावित होते हैं। सीखड़ के अदलपुरा शीतलाधाम घाट की सीढ़ियां एक बार फिर गंगा में समा गई हैं। जिला प्रशासन ने बाढ़ के खतरे को भांपकर बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया है। कलक्ट्रेट स्थित कंट्रोल रूम में फिर से हलचल शुरू हो गई है।
एक प्लाटून फ्लड कंपनी तैनात
बरियाघाट में रामनगर पीएसी की एक प्लाटून फ्लड कंपनी तैनात है घाट पर बैरिकेडिंग की गई है, जिससे गंगा स्नान के दौरान डूबने की घटन को रोका जा सके।
कंट्रोल रूम पर दे जानकारी, पाएं मदद
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व शिव प्रताप शुक्ल ने बताया कि संभावित बाढ़ के दृष्टिगत कलेक्ट्रेट स्थित ई-डीएम कार्यालय में बाढ़ कंट्रोल रुम की स्थापना की गई है। यह 24 घंटे कार्य कर रहा है। कंट्रोल रुम का दूरभाष संख्या 05442-256357 है, जिस पर कोई भी नागरिक फोन कर बाढ़ से संबंधित जानकारी दे सकता है और मदद भी मांग सकता है।