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मासूम बच्चों को यतीम बताकर लोगों से जकात के नाम पर पैसों की उगाही करता मौलवी , कमरों में भूसे की तरह…

  कमरों में भूसे की तरह ठुसकर रखा था दर्जनों बच्चों को 

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सामने मासूम बच्चों ने सुनाई आपबीती

लखनऊ।   बिहार से यूपी के सहारनपुर के मदरसों में ले जाये जा रहे बच्चों को यतीम बनाकर मदरसा संचालक जकात की मोटी रकम हजम कर रह रहे थे। बच्चों को खाने के नाम पर दोनों टाइम गुणवत्ता विहीन दाल चावल परोसा जा रहा था। छोटे-छोटे कमरों में बच्चों को भेड़ बकरियों की तरह ठूंसा जाता था। यह सब बाते तब सामने आई जब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी व पूर्व सदस्य संगीता शर्मा के सामने बच्चों ने रो-रोकर कर आपबीती सुनाई। बताते चलें कि शनिवार को डॉ. सुचिता व संगीता शर्मा ने मोहन रोड स्थित राजकीय बाल गृह में रखे गये बच्चों से मुलाकात कर उनकी आपबीती जानी। जहां कई अहम जानकारियां सामने आईं।डॉ. सुचिता शर्मा के मुताबिक जनपद अयोध्या से बाल गृह भेजे गये कुल 95 बच्चे हैं। सभी बच्चे बिहार के अररिया जिले के कई गांवों के हैं। सहारनपुर में तौसीख नामक युवक ने मदारूल उलूम रफीक की और रिजवान ने मदरसा दारे अरकम नाम से नये मदरसे खोले हैं। यह बच्चे इन्हीं दोनों मदरसों में ले जाये जा रहे थे। डॉ. सुचिता ने बताया बच्चों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। बताया जिन बच्चों को लाया गया है, उनके परिवार में लगभग 8 से दस भाई हैं। इसके अलावा इन सभी के अपने-अपने गांवों के सरकारी स्कूलों में भी नाम लिखा है। वहां पढ़ने भी जाते थे।

इस बीच नये खुले मदरसों को चलाने के लिए उनके संचालक वहां पहुंचे। बच्चों के परिजन को झांसे में लेकर धार्मिक पढ़ाई कराने के नाम पर ले आये हैं। बच्चों ने बताया कि मदरसा संचालक लोगों से उन्हें यतीम बताकर जकात के नाम पर रकम हड़प ते हैं। भर पेट व गुणवत्ता परक खाना भी नहीं मिलता। बच्चों ने बताया कि उनसे तीन मंजिला मकान पर ईंटें चढ़ाई जाती थी। छोटे-छोटे कमरों में 15-15 बच्चों को रखा जाता है। जिनमें गर्मियों ने पंखे लगे होते हैं और न ही सर्दियों में रजाइयां मिलती हैं। डॉ. चतुर्वेदी से बच्चों ने कहा कि वह लोग मदरसा में नहीं पढ़ना चाहते हैं, अपने घर जाना है। डॉ. चतुर्वेदी ने बताया अयोध्या पुलिस मामले में जांच कर रही है। वह यह भी पता करेंगी कि जिन मदरसों में बच्चों को ले जाया जा रहा था, वह मान्यता प्राप्त हैं या नहीं। संचालक भी असली है, या नकली। कहा कि आयोग की तरफ से जांच में जो भी तथ्य सामने आयेंगे। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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