कानपुर(ईएमएस)। बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को 36 साल पुराने शस्त्र लाइसेंस मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट वाराणसी के विशेष न्यायाधीश अवनीश गौतम की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। एमपी/एमएलए कोर्ट वाराणसी ने नौ महीने बाद ही मुख्तार अंसारी को दूसरी बार उम्रकैद की सजा सुनाई है। पहले अवधेश राय हत्याकांड में सजा सुनाई थी। अब गाजीपुर के फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुआ मुख्तार जज के सामने गिड़गिड़ाने लगा और सिर पकड़कर बैठ गया। दुखी होने के कारण बुधवार शाम को इफ्तार भी नहीं किया। सुरक्षा कारणों के चलते अंसारी को बांदा जेल से वाराणसी नहीं भेजा गया है। हालांकि वह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जोड़ा गया। जेल सूत्र बताते हैं कि दोपहर बाद जैसे ही कोर्ट ने मुख्तार को उम्रकैद व जुर्माने की सजा सुनाई गई वह सिर पकड़ कर बैठ गया। ब्लड प्रेशर की समस्या होने से अफसर घबरा गए और उसे तत्काल बैरक पर भेज दिया गया। दो बार डॉक्टर ने मुख्तार का स्वास्थ्य परीक्षण किया। हांलाकि डॉक्टरों ने ब्लड प्रेशर को सामान्य बताया। सीसीटीवी के जरिए मुख्तार पर कड़ी नजर रखी गई। बताया गया कि शाम को मुख्तार की इफ्तार की प्लेट तैयार की गई तो उसेने पानी पीकर रोजा खोला और कुछ भी नहीं खाया। मुख्तार की इस हालत पर अन्य बंदी भी काफी दुखी दिखे।