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मानसून सत्र : सदन में योगी सरकार का जवाब, उप्र में जातीय जनगणना कराने की कोई योजना नहीं

लखनऊ, (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के दोनों सदनों में गुरुवार को विपक्ष ने जातीय जनगणना कराने का मुद्दा उठाया। विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और परिषद में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस मुद्दे पर स्पष्ट किया कि प्रदेश में जातीय जनगणना कराने की कोई योजना नहीं है।

समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक संग्राम सिंह यादव ने विधानसभा में एक लिखित सवाल के जरिये जातीय जनगणना का मुद्दा उठाया। इस सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जातीय जनगणना कराने की योजना नहीं है क्योंकि जनगणना भारत सरकार की ओर से किया जाता है।

मुख्यमंत्री के जवाब में लिखा है, ‘‘जनगणना की विषयवस्तु भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के संघ सूची के क्रमांक 69 पर अंकित है। जनगणना कार्य के लिए भारत सरकार द्वारा जनगणना अधिनियम 1948 एवं जनगणना नियमावली 1990 बनायी गयी है, जिसके अन्तर्गत जनगणना का कार्य भारत सरकार द्वारा कराया जाता है।’’

वहीं, विधान परिषद में जातीय जनगणना पर चर्चा की मांग को लेकर सपा सदस्यों ने हंगामा किया। प्रदेश सरकार की तरफ से नेता सदन और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने स्पष्ट किया कि जातीय जनगणना कराना राज्य का नहीं, बल्कि केंद्र का विषय है। इस दौरान उप मुख्यमंत्री ने उल्टा सपा सदस्यों से ही सवाल किया कि प्रदेश में उनकी चार बार सरकार रही तो उस समय जातीय जनगणना क्यों नहीं करवाए ?

इस पर सपा सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया और वेल में आकर बैठ गए। सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह के समझाने के बावजूद जब सपा सदस्य नहीं उठे तो सभापति ने सदन की कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।

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