– आशा सेविकाओं का मानधन पांच हजार रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव मंजूर
– अहमदनगर जिले का नाम बदलकर अहिल्यानगर करने को भी हरी झंडी
मुंबई (हि.स.)। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को अहमदनगर जिले सहित मुंबई के आठ ब्रिटिशकालीन नाम को बदले जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। विधानमंडल की मंजूरी के बाद प्रस्ताव केंद्रीय गृह और रेल मंत्रालय को भेजा जाएगा। इसके साथ ही आशा सेविकाओं का मानधन पांच हजार रुपये बढ़ा जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली है।
मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की बैठक में मुंबई के आठ रेलवे स्टेशनों के ब्रिटिश नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके तहत करी रोड रेलवे स्टेशन का नाम लालबाग रेलवे स्टेशन, सैंडहर्स्ट रोड रेलवे स्टेशन का नाम डोंगरी रेलवे स्टेशन, मरीन लाइन्स रेलवे स्टेशन का नाम मुंबादेवी रेलवे स्टेशन, चर्नी रोड रेलवे स्टेशन का नाम गिरगांव रेलवे स्टेशन, कॉटन ग्रीन रेलवे स्टेशन का नाम कालाचौकी रेलवे स्टेशन, हार्बर सैंडहर्स्ट रोड रेलवे स्टेशन नाम डोंगरी रेलवे स्टेशन, डॉकयार्ड रेलवे स्टेशन का नाम मझगांव रेलवे स्टेशन, किंग्स सर्कल रेलवे स्टेशन का नाम तीर्थंकर पार्श्वनाथ रेलवे स्टेशन करने को मंजूरी दी गई। विधानमंडल की मंजूरी के बाद प्रस्ताव केंद्रीय गृह और रेल मंत्रालय को भेजा जाएगा।
कैबिनेट बैठक में अहमदनगर शहर के साथ-साथ जिले का नाम अहिल्यानगर रखने को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही अहमद नगर तहसील, नगर निगम का नाम भी अहिल्या नगर किए जाने को भी कैबिनेट की मंजूरी मिली है। कई जन प्रतिनिधियों, नागरिकों और संगठनों ने अहमदनगर शहर का नाम बदल कर अहित्या नगर करने की मांग की थी। इस संबंध में राज्य सरकार ने नासिक के डिविजनल कमिश्नर से जानकारी मांगकर अहमदनगर नगर निगम प्रशासन का प्रस्ताव भी प्राप्त कर लिया है। तदनुसार, गृह मंत्रालय के संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार इसका नाम बदलने की सिफारिश की गई है। इस प्रस्ताव को केंद्र की मंजूरी मिलने के बाद अहमदनगर जिला, तालुका और नगर निगम का नाम बदलने की प्रक्रिया राजस्व और शहरी विकास विभाग करेगा।
इसी तरह राज्य में आशा स्वयंसेविकाओं के लिए राज्य सरकार के कोष से 5,000 रुपये की बढ़ोतरी को मंजूरी दिए जाने का निर्णय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कैबिनेट की बैठक में लिया है। मानधन में यह वृद्धि माह नवम्बर, 2023 से दी जायेगी। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए नवंबर 2023 से मार्च 2024 तक की अवधि के लिए बढ़ी हुई मानधन दरों के भुगतान के लिए 200.21 करोड़ रुपये के अतिरिक्त व्यय को मंजूरी दी गई।