-वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी, वायरस यदि बाहर निकले तो मचाएंगे तबाही
नई दिल्ली (ईएमएस)। अमेरिका के वैज्ञानिकों ने जॉम्बी वायरस को कोरोना से भी खतरनाक बताया है। उन्होंने इस सोए हुए वायरस के खतरों को लेकर चेतावनी दी है। आर्कटिक और अन्य स्थानों पर बर्फ की चोटियों के नीचे तबाही मचाने वाले वायरस दबे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिघलने वाला आर्कटिक पर्माफ्रॉस्ट जोंबी वायरस निकाल सकता है। इससे उसी तरह की स्थिति पैदा हो सकती है, जैसे कोरोना काल में देखने को मिली। बताया जा रहा है कि इस समय ग्लोबल वार्मिंग के कारण बढ़ते तापमान के कारण जमी हुई बर्फ पिघलने लगी है। इससे खतरा बढ़ गया है। इस वायरस के खतरों को अच्छे से समझने के लिए एक वैज्ञानिक ने पिछले साल साइबेरियाई पर्माफ्रॉस्ट से लिए गए नमूनों से कुछ वायरस को फिर से जिंदा किया गया था। ये वायरस जमीन में जमे रहकर अंदर ही हजारों साल बिता चुके हैं। ऐक्स-मार्सिले यूनिवर्सिटी के आनुवंशिकीविद् जीन-मिशेल क्लेवरी ने कहा, फिलहाल महामारी के खतरों का विश्लेषण उन बीमारियों पर केंद्रित है, जो दक्षिणी क्षेत्रों में उभर सकती हैं और फिर उत्तर में फैल सकती हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर से निकलकर दक्षिण में फैलने वाली बीमारियों पर फोकस नहीं है और मेरा मानना है कि यह भूल है। उत्तर में ऐसे वायरस हैं जो नई महामारी शुरू कर सकते हैं। इसी तरह इरास्मस मेडिकल सेंटर के वैज्ञानिक मैरियन कूपमैन्स ने भी इसपर सहमति जताई और कहा, हम नहीं जानते की पर्माफ्रॉस्ट में कौन से वायरस मौजूद हैं। लेकिन मुझे लगता है कि सबसे बड़ा जोखिम है कि कोई वायरस ट्रिगर करने में सक्षम हो सकता है। इसके आने से एक बड़ी महामारी आ सकती है। यह कुछ भी हो सकता है। यह पोलियो का प्राचीन रूप हो सकता है। बताया जा रहा है कि यह हजारों वर्षों तक पर्माफ्रॉस्ट में दबे रहने के बावजूद जीवित वायरस एक कोशिका वाले जीवों को संक्रमित कर सकते हैं। इसका खुलासा 2014 में साइबेरिया में क्लेवेरी के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम ने किया था।
पिछले साल इससे जुड़ी जांच के बाद भी सामने आई थी, जिसमें पता चला सात अलग-अलग साइबेरियाई स्थानों से कई वायरस संक्रमण फैलाने में सक्षम थे। एक वायरस का नमूना 48,500 साल पुराना है। शोधकर्ता क्लेवरी ने कहा, जिन वायरस को हमने अलग किया था, वे केवल अमीबा को संक्रमित करने में सक्षम थे और मनुष्यों के लिए कोई खतरा नहीं थे। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह वर्तमान में पर्माफ्रॉस्ट में जमे वायरस ऐसा करने में सक्षम नहीं हो सकते। ये कभी भी सक्रिय हो सकते हैं, इसलिए सावधानी जरूरी है।