–महाकुम्भ के मुख्य स्नान पर्वों की तिथियों का सर्वसम्मति से हुआ निर्धारण
–मेलाधिकारी ने प्रयागराज की भव्यता बढ़ाने के प्रस्ताव से अवगत कराया
–अखाड़ा परिषद के महामंत्री महन्त हरि गिरि सहित अन्य संतों ने दिये प्रस्ताव
प्रयागराज (हि.स.)। महाकुम्भ 2025 को दिव्य एवं भव्य बनाने के लिए सभी अखाड़ों के सन्तों से समन्वय स्थापित करते हुए मण्डलायुक्त विजय विश्वास पंत एवं अपर पुलिस महानिदेशक भानु भास्कर की अध्यक्षता तथा मेलाधिकारी, कुम्भ मेला विजय किरन आनंद की उपस्थिति में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की प्रथम बैठक शनिवार को हुई। इस दौरान महाकुम्भ के मुख्य स्नान पर्वों की तिथियों का निर्धारण सर्वसम्मति से हुआ। इसके साथ ही क्रियान्वित की जा रही विभिन्न परियोजनाओं के बारे में बताया गया।
आयुक्त कार्यालय स्थित गांधी सभागार में निर्णय हुआ कि पौष पूर्णिमा 13 जनवरी 2025, मकर संक्रान्ति 14 जनवरी, मौनी अमावस्या 29 जनवरी, बसन्त पंचमी 03 फरवरी, माघी पूर्णिमा 12 फरवरी तथा महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी। मेलाधिकारी ने अवगत कराया कि प्रयागराज की भव्यता को बढ़ाने हेतु 07 विभिन्न रिवर फ्रन्ट टाइप सड़कों, जिसकी कुल लम्बाई 13.25 किमी होगी, का विकास किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन से वित्त पोषित तथा सभी सार्वजनिक सुविधाओं से युक्त 07 घाटों का भी निर्माण किया जा रहा है, जिससे पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं के सुरक्षित स्नान तथा नौका संचालन में सहायता मिलेगी। पर्यटन को और बढ़ावा देने के दृष्टिगत अक्षयवट, पातालपुरी एवं सरस्वती कूप के कारिडोर का विकास, लैंड स्केपिंग, साइनेज तथा प्रवेश द्वार का विकास कराया जा रहा है। कुछ अन्य प्रमुख मंदिरों का भी विकास कराया जा रहा है, जिसमें नागवासुकी मंदिर, अलोपशंकरी देवी मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, पंडिला महादेव मंदिर, कोटेश्वर महादेव मंदिर, कल्याणी देवी मंदिर तथा तक्षक तीर्थ भी सम्मिलित हैं। भारद्वाज आश्रम तथा द्वादश माधव मंदिरों के कारिडोर का विकास सौन्दर्यीकरण, प्रवेश द्वार, साइनेज इत्यादि भी कराया जा रहा है।
मेलाधिकारी ने अवगत कराया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा प्रयागराज रिंग रोड, प्रयागराज-रायबरेली-लखनऊ मार्ग का विकास, प्रयागराज-अयोध्या तथा प्रयागराज-बांदा राजमार्ग पर पड़ने वाली रेलवे कासिंग जसरा में बाईपास का भी निर्माण कराया जा रहा है। एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का कार्य नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा किया जा रहा है। साथ ही एयरपोर्ट को मेला क्षेत्र से जोड़ने हेतु सूबेदारगंज में आरओबी का निर्माण तथा एयरपोर्ट के लिए एक नये मार्ग का निर्माण भी कराया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि कुम्भ 2019 में प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा 64 चौराहों का विकास कराया गया था, जिसके क्रम में महाकुम्भ 2025 में वर्तमान में 39 चौराहों के विकास हेतु कन्सल्टेंट से डीपीआर बनाने का कार्य प्रगति पर है। प्राधिकरण द्वारा 29 सड़कों का सौन्दर्यीकरण, सुदृढीकरण एवं चौड़ीकरण भी कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त लोनिवि द्वारा 31 सड़कों सौन्दर्यीकरण, सुदृढीकरण एवं चौड़ीकरण तथा 21 सड़कों का निर्माण एवं चौड़ीकरण कराया जा रहा है।
बैठक में उपस्थित संतों ने कुछ प्रस्ताव भी दिए हैं। इनमें जूना अखाड़ा के संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महन्त हरि गिरि ने प्रयागराज को राम गमन मार्ग का सूचक के रूप में परिलक्षित करने पर जोर देने, महर्षि भारद्वाज द्वारा किए गए कार्यों का प्रचार-प्रसार करने, आदि शंकराचार्य का स्थायी द्वार बनाने, वेणीमाधव की परिक्रमा हेतु उचित मार्ग की व्यवस्था एवं मोहल्लों का नाम जगतगुरूओं के नाम पर रखने का भी प्रस्ताव दिया। महानिर्वाणी अखाड़ा के यमुनापुरी महराज ने पेशवाई मार्गों से लटकते विद्युत तारों को शत प्रतिशत हटाने का सुझाव दिया। इसी क्रम में सभी संत महात्माओं ने तीर्थ यात्रियों एवं संत महात्माओं हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित कराने का अनुरोध किया।
मण्डलायुक्त ने जहां सभी महात्माओं से महाकुम्भ को सकुशल सम्पन्न कराने का आशीर्वाद एवं सहयोग मांगा, वहीं अपर पुलिस महानिदेशक ने सभी संतों से निरन्तर मार्गदर्शन एवं सहयोग करने की अपील की। जिलाधिकारी संजय खत्री ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित कर उन्हें सभी अपेक्षित सुविधाएं उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
बैठक में पुलिस आयुक्त प्रयागराज रमित शर्मा, पुलिस महानिरीक्षक चन्द्र प्रकाश, अपर पुलिस आयुक्त पवन कुमार, उपाध्यक्ष प्रयागराज विकास प्राधिकरण अरविन्द चौहान समेत सभी अधिकारीगण उपस्थित रहे।