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महराजगंज : जनपद में तेजी से बढ़ रहा एचआईवी मरीजों की संख्या, असहाय नजर आ रहा स्वास्थ्य विभाग !

 

महराजगंज।  जिले में एचवाईवी संक्रमण मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ा है। एचआईवी पॉजिटिव पीड़ितों की जांच से निकले एड्स पीड़ितों की संख्या और स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट से कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जबकि इस खतरनाक बीमारी की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग अभियान चलाकर मरीजों की संख्या घटाने का दावा किया है। लेकिन विभाग का दावा सिर्फ कागजों में सिमट कर दम तोड़ता नजर आ रहा है। जिला में मरीजों की निरंतर बढ़े संख्या स्वास्थ्य विभाग को कटघरे में खड़ा करता है अधिकारी असहाय नजर आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के आंकड़े तस्दीक करते हैं कि महराजगंज जनपद में एचआईवी की संख्या 23 सौ पार कर गई है। यहां कुल 2360 मरीज चिंहित हुए हैं। बीते जून माह में 1108 लोगों ने जिला अस्पताल में आईसीटीसी सेंटर में एचआईवी का टेस्ट कराया है। इसमें से एक गर्भवती महिला सहित 14 लोग संक्रमित पाए गए।

रिपोर्ट के मुताबिक जिला अस्पताल में आईसीटीसी सेंटर में जून में 393 पुरुष, 489 महिला और 226 गर्भवती महिलाओं ने अपना एचआईवी टेस्ट कराया। इसमें 393 पुरुषों में 10 की जांच रिपोर्ट पाजिटिव मिली है। वहीं 489 महिलाओं की जांच में 3 संक्रमित मिली हैं। इसके अलावा 226 गर्भवती महिलाओं की जांच में 1 महिला एचआईवी की पुष्टि हुई है। इस तरह जिले में एचवाईवी पीड़ितों की संख्या बढ़कर 2360 पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सभी एचआईवी संक्रमित एआरटी सेंटर से दवा ले रहे हैं। इनको हर महीने एआरटी सेंटर आकर दवा लेने की सलाह दी जा रही है। साथ ही इनकी काउंसिलिंग भी की जा रही है। मरीजों के नाम व सूचना गोपनीय रखी जा रही है। जबकि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों का कहना है कि
गर्भवती महिला में एचआईवी पॉजिटिव की पुष्टि होने पर अस्पताल प्रशासन सतर्क हो गया है। गर्भवती महिला को काउन्सलर के संपर्क में रहने और सावधानी बरतने व डाक्टर की देखरेख में गर्भवती महिला को प्रसव कराने की जांच सलाह दी गई है।

सीडी फोर जांच से संक्रमितों के सेहत पर नजर
स्वास्थ्य विभागीय अधिकारियों का कहना है कि एचआईवी पॉजिटिव पीड़ितों का स्वास्थ्य ठीक रखने को सीडी फोर की जांच कराने की सलाह दी जा रही है। एआरटी सेंटर पहुंच कर एचआईवी पॉजिटिव पीड़ित जांच भी कराई रहें हैं। सीडी फोर 350 न्यूल से कम होने पर संक्रमित पीड़ितों को पौष्टिक आहार लेने के लिए जोर दिया जा रहा है।

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