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मप्रः इन 18 जिलों में अति भारी बारिश का अलर्ट, गुरुवार को कई जिलों में स्कूलों की छुट्टी घोषित

भोपाल  (हि.स.)। इस मानसून सीजन की सबसे बड़ी मानसून प्रणाली वर्तमान में अवदाब के रूप में उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश पर सक्रिय है। इस प्रणाली के असर से प्रदेश के अधिकतर जिलों में भारी बारिश हो रही है। कहीं-कहीं बाढ़ के भी हालात बन गए हैं, जिससे जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भारी बारिश के चलते कई जिलों में गुरुवार, 12 सितंबर को नर्सरी से आठवीं तक के स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी गई है। बुधवार को भोपाल, इंदौर, जबलपुर समेत प्रदेश के 28 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई।

राजधानी भोपाल समेत अधिकांश जिलों ने बुधवार को सुबह से शुरू हुआ भारी बारिश का दौर देर रात तक जारी रहा। इस दौरान जलस्तर बढ़ने के कारण कई बांधों के गेट भी खोले गए हैं। बुधवार को कलियासोत डैम के दो, कोलार डैम के दो जबकि भदभदा और केरवा डैम का एक-एक गेट खोला गया है। मौसम विभाग ने गुरुवार को भी ग्वालियर, चंबल, सागर संभाग के जिलों में एवं भोपाल, उज्जैन संभाग में कहीं-कहीं अति भारी वर्षा होने की चेतावनी जारी की गई है। इसके बाद शुक्रवार को ग्वालियर, चंबल संभाग को छोड़कर शेष जिलों में भारी वर्षा से राहत मिलने की उम्मीद है।

मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में अवदाब का क्षेत्र उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश पर बना हुआ है। मानसून द्रोणिका बीकानेर, सीकर, शिवपुरी से अवदाब के क्षेत्र से होकर से पेंड्रा रोड, राउरकेला, दीघा से होकर बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। दक्षिणी गुजरात पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। दक्षिणी गुजरात से लेकर केरल तक एक अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है।

वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि अवदाब का यह क्षेत्र इस सीजन का प्रदेश का सबसे बड़ा सिस्टम है। इसके प्रभाव से मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात में कई शहरों में अतिभारी वर्षा हुई है। गुरुवार को भी ग्वालियर, चंबल, सागर संभाग के जिलों में एवं भोपाल, उज्जैन संभाग में कहीं-कहीं अति भारी वर्षा होने की संभावना है। हालांकि यह मौसम प्रणाली ग्वालियर की तरफ बढ़ने के बाद उत्तर प्रदेश की तरफ बढ़ जाएगी। इस वजह से शुक्रवार से ग्वालियर, चंबल संभाग को छोड़कर प्रदेश के शेष क्षेत्रों को भारी वर्षा से राहत मिलने के भी आसार हैं।

भोपाल में मंगलवार से ही बारिश का दौर जारी है। बुधवार को सुबह 8.30 से शाम 5.30 बजे तक दो इंच बारिश हो गई। पिछले 36 घंटे में भोपाल में 4 इंच पानी गिर चुका है। रात में भी तेज बारिश हो रही है। इसके चलते भोपाल में गुरुवार, 12 सितंबर को नर्सरी से कक्षा 5वीं और आंगनबाड़ी के बच्चों की छुट्टी घोषित कर दी गई है। जिला पंचायत सीईओ ऋतुराज सिंह ने बताया कि तेज बारिश की संभावना के चलते छोटे बच्चों की छुट्टी की गई है। ग्वालियर, गुना, शिवपुरी समेत अन्य जिलों में आठवीं तक के स्कूलों की छुट्टी घोषित की गई है।

इधर, बुधवार सुबह 8.30 से शाम 5.30 बजे तक 9 घंटे में छतरपुर के नौगांव और नर्मदापुरम के पचमढ़ी में 4-4 इंच पानी बरस गया। भोपाल, खजुराहो में 2-2 इंच बारिश हुई। जबकि शिवपुरी में पौने 3 इंच पानी गिरा। शाजापुर, खरगोन में पौन इंच और उज्जैन में आधा इंच बारिश दर्ज की गई। इसी तरह बैतूल, गुना, नर्मदापुरम, इंदौर, खंडवा, रतलाम, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, मंडला, नरसिंहपुर, रीवा, सागर, सतना, सिवनी, सीधी, टीकमगढ़, उमरिया, बालाघाट, आगर-मालवा, देवास जिलों में भी बारिश का दौर जारी रहा।

बुधवार को टीकमगढ़ में दो किसान धसान नदी के टापू पर फंसे हुए हैं। नदी का बहाव तेज होने से रेस्क्यू नहीं हो सका। कलेक्टर ने सेना से मदद मांगी है। वहीं, बालाघाट के किरनापुर क्षेत्र के निलागोदरी में दो गर्भवती महिलाओं और लांजी क्षेत्र के कांद्रीकला से बाढ़ में फंसी गर्भवती महिला का रेस्क्यू किया गया है। रायसेन जिले के बेगमगंज में पराशरी नाला उफान पर आ जाने से सागर भोपाल सड़क मार्ग बंद हो गया है। दमोह में घरों में पानी भर गया। टीकमगढ़ और शिवपुरी में भी सड़कें डूब चुकी हैं। विदिशा में भी कई रास्ते बंद हैं। नर्मदापुरम में तवा डैम के 13 में से 9 गेट, बरगी बांध के 21 में से 17, मोहनपुरा डेम के 10 गेट, हलाली डैम के 5 और मड़ीखेड़ा डैम के 4 गेट खोले गए हैं।

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