मथुरा, (हि.स.)। यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है, दिल्ली से छोड़े गए पानी का असर श्रीकृष्ण की नगरी में व्यापक रूप में दिखाई दे रहा है । शनिवार दोपहर यमुना खतरे के निशान को पार कर गई है। जिलाधिकारी पुलकित खरे अन्य अधीनस्थ अधिकारियों ने यमुना बाढ़ का निरीक्षण किया है। यमुना नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर से किनारे रहने वाले निचले इलाकों के लोगों में हड़कंप मच गया है। यमुना का जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है।
यमुना का पानी शहर में खतरे के निशान पर पहुंच गया है। दोपहर दो बजे तक प्रयाग घाट पर खतरे के निशान 166 तक पहुंच गया है। गोकुल बैराज से आगरा की ओर 97.362 क्यूसेक जल डिस्चार्ज किया गया है। विश्राम घाट आरती स्थल के साथ ही यमुना के सभी घाटों व आगरा होटल की सीढियों तक बाढ़ का पानी पहुंच चुका है जिसके चलते घाटों पर बने छोटे- छोटे मंदिर डूब गये है। निचले इलाकों की बात करें तो गायत्री तपोभूमि जयसिंहपुरा के पीछे स्थित खादर में बाढ का पानी लोगों के घरों भी में प्रवेश कर गया है। जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। यमुना नदी के निरंतर बढते जल स्तर को लेकर बेहद गंभीर जिलाधिकारी पुलकित खरे के द्वारा यमुना किनारे बसे क्षेत्रों के साथ ही निचले इलाकों का ताबड़ तोड दौरा कर नाव, स्टीमर आदि का संचालन प्रतिबंधत करते हुए लोगों को अगले 24 घंटों तक यमुना के समीप न जाने का आग्रह किया जा रहा है।
सतर्कता के चलते यमुना के बंगालीघाट, विश्राम घाट ध्रुव घाट आदि सभी घाटों की ओर जाने वाले रास्तों को टीन शेड लगवा का बंद कर दिया गया है। यमुना के बढते जल स्तर को देखते हुए किसी अनहोनी घटना के प्रति सावधानी बरतने के दौरान जिलाधिकारी द्वारा किये जा रहे प्रयासों की लोगों द्वारा तारीफ की जा रही है।
यमुना के विभिन्न घाटों पर लगवाये गये टीन शेड की बाबत स्थानीय लोगों को कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब यमुना में आयी बाढ़ को लेकर प्रशासन द्वारा इतनी ऐतियात बरती जा रही है जबकि इससे पूर्व भी कई मर्तबा बाढ़ का पानी इस स्तर तक आ चुका है। लोगों का कहना है कि इस तरह की सावधानी तो प्रशासन द्वारा वर्ष 1978 में आई बाढ़ के दौरान भी नही बरती गयी थी। उस दौरान भी घाटों पर टीन शेड आदि नही लगवायी गयी थी जबकि उस समय आई बाढ़ का रिकार्ड अभी तक नही टूट सका महादेवघाट, बंगाली घाट, विश्राम घाट सहित विभिन्न घाटों का निरीक्षण किया।
इस दौरान उन्होंने पुलिस अधिकारियों को अगले 24 घंटे तक यमुना के घाटों का निरतंर भ्रमण करते रहने और पब्लिक सिस्टम के माध्यम से लगातार एनाउंसमेंट करते रहने को कहा है। साथ ही जिलाधिकारी ने सभी नाव संचालकों से अगले 24घंटे तक यमुना में नाव न चलाने का आव्हान करते हुए 24 घंटे के लिए नाव, स्टीमर आदि को यमुना में चलाने के लिए प्रतिबंधित किया गया है। इस दौरान नाव या स्टीमर चलाता पाये जाने पर उसके विरूद्ध एफ आई आर दर्ज कर आवश्यक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी जिलाधिकारी ने जनपदवासियों के साथ ही पर्यटकों से यमुना तथा नदियों के आस पास न जाने और सावधानी बरतने की अपील की है।
डीएम ने कहा श्री खरे ने कहा है कि किसी को घबराने की कोई जरूरत नहीं है, प्रशासन लगातार निगरानी एवं दिल्ली बात कर जानकारी ले रहा है क्रम में आवश्यक कार्यवाही भी जारी हैं। संभावित बाढ़ प्रभावित गांवों में बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं और चौकियों पर सभी प्रकार की सुविधायें उपलब्ध हैं। डीएम के निर्देश के बाद संबंधित विभागों ने अपने-अपने स्तर से लोगों को राहत देने का कार्य प्रारंभ कर दिया है। इस क्रम में बाढ को लेकर लोगों को सचेत करने के लिए नगर निगम मथुरा-वृन्दावन द्वारा महानगर क्षेत्र के यमुना किनारे कूड़ा उठाने वाली गाडियां अपना परंपरागत एनाउंसमेंट न करके लोगों को बाढ संबंधित सावधानी बरतने के लिए सचेत करते हुए चहुँ ओर घूम रही है ।