बुधवार सरकार की ओर से पैरवी कर रहीं स्पेशल डीजीसी पोक्सो कोर्ट अलका उपमन्यु एडवोकेट ने बताया कि पीड़िता के बाबा ने थाना रिफाइनरी में 20 नवम्बर 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिसमें कहा गया था कि उसकी नाबालिग नातिन (पीड़िता) व गाँव की ही एक अन्य लड़की के साथ करीब तीन बजे गाँव के बाहर रेलवे स्टेशन के पास मीठा पानी लेने गयी थी। रास्ते में गाँव का ही उस्मान उर्फ नैना मिला और मेरी नातिन (पीड़िता) को पकड़कर बाउंड्री के पास जंगल में खींच ले गया और उसके साथ बलात्कार की घटना को अंजाम दिया। जब उसके साथ गयी लड़की ने घर आकर बताया तो हम मौके पर पहुँच गए। हमें देखकर उस्मान उर्फ नैना मेरी नातिन को छोड़कर भाग गया, काफी प्रयास किया लेकिन उसको पकड़ नहीं सके। पीडिता के बाबा की तहरीर के आधार पर थाना रिफाइनरी में अभियुक्त उस्मान उर्फ नैना के विरूद्ध मुकदमा अपराध संख्या 337/2019 अन्तर्गत धारा 376 भारतीय दण्ड संहिता व 3/4 पोक्सो एक्ट में 20 नवम्बर 2019 को मुकदमा पंजीकृत किया गया।
बुधवार को विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट रामकिशोर यादव ने सुनवाई करते हुए अभियुक्त उस्मान उर्फ नैना को पोक्सो अधिनियम 2012 की धारा-4 में 20 वर्ष के कठोर कारावास तथा पचास हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अर्थदण्ड न देने पर अभियुक्त 06 माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतेगा। अभियुक्त द्वारा जेल में बितायी गयी अवधि इस सजा में समायोजित की जाएगी। अभियुक्त पर अधिरोपित अर्थदण्ड की आधी धनराशि पीड़िता को प्रदान की जायेगी। वादी की तरफ से श्याम सिंह राजपूत एडवोकेट व हंसराज सिंह एडवोकेट ने पैरवी की।