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भ्रष्टाचार पर प्रहार का सबसे कारगर मंत्र है तकनीक : मुख्यमंत्री

स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत गोविवि में स्मार्टफोन-टैबलेट वितरण समारोह

तकनीक के प्रयोग से पूरी तरह भ्रष्टाचार मुक्त हुई प्रदेश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तकनीक का प्रयोग आज योजनाओं के पारदर्शी क्रियान्वयन तथा जीवन के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। तकनीक, भ्रष्टाचार पर प्रहार का सबसे कारगर मंत्र है। तकनीक के इस्तेमाल से युवाओं को समयानुकूल सक्षम, समर्थ बनाने के साथ ही उन्हें आत्मनिर्भरता की तरफ अग्रसर करने के लिए प्रदेश सरकार दो करोड़ युवाओं को स्मार्टफोन-टैबलेट उपलब्ध कराने के लक्ष्य की प्राप्ति की ओर तेजी से आगे बढ़ रही है।

मुख्यमंत्री रविवार अपराह्न दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के दीक्षा भवन में स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत विद्यार्थियों में स्मार्टफोन-टैबलेट वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस समारोह में विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालययों के करीब एक हजार विद्यार्थियों को स्मार्टफोन वितरित किए गए। 15 विद्यार्थियों को सीएम योगी के हाथों स्मार्टफोन प्राप्त हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने युवाओं को तकनीक के महत्व को समझाते हुए कई व्यावहारिक उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली 2017 के पहले भ्रष्टाचार की चपेट में थी। कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, सोनभद्र, चित्रकूट जैसे जिलों में राशन के अभाव में, भूख के कारण लोगों की मौत हो जाती थी। सांसद के रूप में वहां पहुंचने पर पता चलता था कि गरीबों को राशन नहीं मिलता था। उनके नाम से उठा राशन, सशक्त माफिया हड़पकर बेच देते थे। एफसीआई की गोदाम से निकलने के साथ ही खाद्यान्न प्रदेश के बाहर यहां तक कि दूसरे देशों तक पहुंच जाता था। 19 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री बनने के एक सप्ताह बाद ही उन्होंने प्रदेश की अस्सी हजार राशन की दुकानों पर छापेमारी कराई तो तीस लाख फर्जी राशन कार्डों का पता चला। इसके बाद राशन की सभी दुकानों को तकनीकी के इस्तेमाल से, पॉइंट ऑफ सेल से जोड़ दिया गया। राशन कार्ड को आधार से संबद्ध कर दिया गया। इसका परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली देश में सबसे अच्छी है।

सिर्फ डिग्री बांटने के केंद्र न बनें शिक्षण संस्थान
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक लंबे दौर तक विश्वविद्यालय एवं अन्य उच्च शिक्षण संस्थान सिर्फ डिग्री, डिप्लोमा बांटने वाले टापू बनकर रह गए थे। उन्हें इससे बाहर निकालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति दी है। इस नीति से जुड़कर संस्थानों की जिम्मेदारी है कि वे विद्यार्थियों को पारंपरिक पाठ्यक्रम का ज्ञान देने के साथ उन्हें आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने में अपनी भूमिका का निर्वहन करें। उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से दिए जा रहे स्मार्टफोन को केंद्र व राज्य सरकार की कई योजनाओं की जानकारी से भी जोड़ा गया है। युवा इसके जरिये पीएम स्टार्टअप योजना, स्टैंडअप योजना, मुद्रा योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना को जानकर आत्मनिर्भरता की राह भी चुन सकते हैं। इसमें बालिकाओं के लिए भी कई स्कीम जुड़ी है।

सामाजिक प्रभाव अध्ययन के लिए आगे आएं उच्च शिक्षण संस्थान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब भी कोई बड़ी इंडस्ट्री लगती है तो उसकी स्थापना के पहले सामाजिक प्रभाव अध्ययन किया जाता है। इस पर देश-दुनिया की कुछ बड़ी कम्पनियों का एकाधिकार सा है। वे मोटी फीस लेती हैं। उन्होंने कहा कि क्या ये अध्ययन अपने यहां के उच्च शिक्षण संस्थान नहीं कर सकते। ऐसा होने पर उनको आर्थिक लाभ तो होगा ही, इस अध्ययन से जुड़कर कई युवाओं को भी मानदेय मिल सकता है। मुख्यमंत्री ने शिक्षण संस्थानों को इंडस्ट्री से जुड़कर विद्यार्थियों को सीएम इंटर्नशिप योजना से जोड़ने की भी नसीहत दी। कहा कि इस योजना में आधा मानदेय सरकार देती है और आधा इंडस्ट्री।

दो देशों के युद्ध में भी देख सकते हैं अपने लिए मार्ग
सीएम योगी ने युद्ध प्रभावित देशों रूस, इजराइल, साउथ कोरिया, जर्मनी आदि के हालात की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध के बाद निर्माण का दौर भी आता है। दो देशों के युद्ध के बीच अपने लिए सकारात्मक मार्ग देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम इन देशों में निर्माण के लिए अपनी भूमिका देख सकते हैं। इजराइल आदि देशों से कुशल भारतीय मानव संसाधन की बहुत मांग है। यूपी से पांच हजार लोग भेजे जा रहे हैं। वहां रहना-खाना मुफ्त होगा, महीने में सवा से डेढ़ लाख रुपये पारिश्रमिक मिलेगा। वहां जाने वाले लोग कमाई कर रकम भारत भेजेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया के देशों में मानव संसाधन की मांग के अनुरूप हमें खुद को तैयार करना होगा।

पूर्व नियोजन से संभाला अयोध्या के जनसमुद्र को
सीएम योगी ने कहा कि जब अयोध्या में विकास कार्य हो रहे थे तब सवाल होता था कि आखिर इतना पैसा क्यों खर्च किया जा रहा है। श्रीरामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद वहां आस्था का जनसमुद्र उमड़ रहा है। विकास कार्यों, चौड़ी सड़कों के जरिये यह पूर्व नियोजन ही था कि वहां प्रतिदिन लाखों लोगों को सुविधा व सहूलियत के साथ संभाला जा रहा है। इसी तरह गोरखपुर में चौड़ी सड़कों के हो जाने से गोरखनाथ मंदिर के खिचड़ी मेले की भीड़ से किसी को असुविधा नहीं होती।

पीएम मोदी के पंच प्रण का अनुसरण करें
सीएम योगी ने सभी युवाओं का आह्वान किया कि वे आजादी के अमृत वर्ष महोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र द्वारा दिए गए पंच प्रण का मंथन का उसका अपने जीवन मे अनुसरण करें। पंच प्रण के ध्येय वाक्यों आत्मनिर्भर भारत, गुलामी के अंश की समाप्ति, विरासत का सम्मान, एकता और एकात्मकता और नागरिक कर्तव्यों के निर्वहन को अनुभव आधारित उदाहरण से समझाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए ये पंच प्रण अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

सीएम योगी ने किया ई-पत्रिका गोरख पथ का विमोचन
कार्यक्रम के मंच से सीएम योगी ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के महायोगी गुरु श्रीगोरक्षनाथ शोधपीठ की ई-पत्रिका ‘गोरख पथ’ का भी विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हम जहां रहते हैं, वहां के इतिहास को जरूर जानना चाहिए। परंपरा की जानकारी से न केवल गौरव की अनुभूति होती है बल्कि वर्तमान के साथ उज्ज्वल भविष्य की भी प्रशस्ति होती है।

विद्यार्थियों से पूछा, कैसी चल रही पढ़ाई-तैयारी
स्मार्टफोन वितरण के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच पर विद्यार्थियों से आत्मीय संवाद करते हुए उनकी पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के बारे में भी पूछा। इस बीच प्रिंस विश्वकर्मा नामक एक ऐसा युवा स्मार्टफोन प्राप्त करने पहुंचा जो एक हाथ से दिव्यांग है। उसे देखकर सीएम भावुक हो गए। सीएम ने उससे पूछा क्या कर रहे हो। प्रिंस ने बताया कि वह बीए की पढ़ाई के बाद रेलवे की तैयारी कर रहा है। मुख्यमंत्री ने उसकी पीठ थपथपाकर कहा, खूब मन लगाकर तैयारी करो।

सीएम योगी के मार्गदर्शन में ज्ञान का केंद्र बन गया गोरखपुर : रविकिशन
कार्यक्रम में सांसद रविकिशन शुक्ल ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में गोरखपुर ज्ञान का केंद्र बन गया है। वह युवाओं की पढ़ाई और रोजगार को लेकर सतत चिंतन करते रहते हैं। युवाओं को समय के अनुरूप सक्षम बनाने के लिए उन्होंने स्मार्टफोन-टैबलेट वितरण की योजना शुरू की है। कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की और विश्वविद्यालय की प्रगति यात्रा का उल्लेख किया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती साधना सिंह, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक फतेह बहादुर सिंह, विपिन सिंह, प्रदीप शुक्ल, एमएलसी डॉ. धर्मेंद्र सिंह आदि भी उपस्थित रहे।

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