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भोपालः 1814 करोड़ के एमडी ड्रग्स मामले में बड़ा खुलासा, शाेएब ने उप्र के प्रतापगढ़ जिले में बना रखा ड्रग्स का सप्लाई सेंटर

शोएब लाला के जरिए कई राज्यों में हो रही थी तस्करी

भोपाल  (हि.स.)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बगरोदा औद्योगिक क्षेत्र में बंद पड़ी फर्नीचर फैक्टरी में अवैध रूप से एमडी ड्रग्स बनाने वाले तस्करों के तार देश के आधा दर्जन राज्यों के बड़े तस्करों से जुड़े हैं। मंदसौर के रहने वाले हरीश आंजना के राजस्थान निवासी दोस्त शोएब लाला ने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में सप्लाई का सेंटर बना रखा था। दो खेप माल भोपाल की फैक्टरी में तैयार करके प्रेमसुख पाटीदार के जरिए शोएब लाला तक हरीश आंजना ने पहुंचाया था। शोएब लाला प्रतापगढ़ में बनाए गए सप्लाई सेंटर से देश के अन्य राज्यों में एमडी ड्रग्स की तस्करी करता था।

यह खुलासा रविवार को मंदसौर पुलिस की गिरफ्त में आए प्रेमसुख पाटीदार ने पूछताछ में किया है। दरअसल, भोपाल में पकड़ी गई 1814 करोड़ की ड्रग्स के मामले में आरोपित प्रेमसुख पाटीदार ने दो दिन पूर्व अफजलपुर थाने में खुद को गोली मार कर सरेंडर कर दिया था। वह बुरी तरह से घायल हो गया था। पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती करा रखा है, जहां उसका उपचार चल रहा है। फिलहाल उसकी स्थिति खतरे के बाहर है। रविवार को मामले में एनसीबी और मन्दसौर पुलिस की टीम एसडीओपी कीर्ति बघेल के साथ ड्रग मामले में आरोपित प्रेमसुख पाटीदार के ग्राम हतुनिया स्थित घर पहुंची, जहाँ पर पुलिस ने घर की तलाशी ली एवं आस पास के पड़ाेसियों एवं रिश्तेदारों से पूछताछ की।

गौरतलब है कि एक सप्ताह पहले नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और गुजरात एटीएस ने बगरोदा में एमडी ड्रग्स और इसे बनाने की कच्ची सामग्री पकड़ी थी। इसकी कीमत दोनों एजेंसियों ने 1814 करोड़ रुपये आंकी है। इस दौरान दो आरोपित आरोपितों अमित चतुर्वेदी और सान्याल बाने को गिरफ्तार किया गया था। एनसीबी की पूछताछ में सामने आया है कि सान्याल बाने पांच वर्ष से भी अधिक समय से ड्रग्स के कारोबार में लगा था। पकड़े जाने पर उसे पांच वर्ष की सजा भी हो चुकी थी। सान्याल को एमडी ड्रग्स बनाने की तकनीक की मामूली जानकारी थी। इसी वर्ष जनवरी के आसपास उसने कम मात्रा में ड्रग्स बनाने का प्रयास भी किया था, पर ठीक से बना नहीं पाया। इसके बाद इस काम में लगे अपने दूसरे साथियों से तकनीक की बारीकियां समझीं और बनाने में सफल भी हो गया।

एनबीसी ने खुलासा किया है कि सान्याल बाने और अमित चतुर्वेदी ड्रग्स बनाने के बाद हरीश आंजना के जरिए ही खपाते थे। ड्रग्स खपाने की जिम्मेदारी हरीश आंजना की थी। वह प्रेमसुख पाटीदार और शोएब बाला जैसे दर्जन भर से अधिक बड़े तस्करों से सीधे संपर्क में था। यह गिरोह राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश के बीच बड़ा कारोबार करता था। एमडी ड्रग बनाने के लिए कच्चे सामान की खरीदी भी इन्हीं के बीच होती थी।

आरोपिताें से अब तक की पूछताछ में सामने आया है कि शोएब लाला के पूरे राजस्थान में संपर्क हैं। वह राजस्थान और दूसरे राज्यों में तस्करों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुका है। एनसीबी अब शोएब लाला की तलाश कर रही है, लेकिन वह फरार है। शोएब लाल के मुंबई, दिल्ली और पंजाब में जड़े जमा चुके अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करों से संबंध होने की आशंका भी जताई जा रही है। एनसीबी इस दिशा में भी जांच कर रही है।

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