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भर्ती परीक्षा पेपर लीक कराने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का सदस्य हिरासत में….

अभ्यर्थियों से रकम लेने के ट्रांसजेक्सन का स्टेटमेंट और मोबाइल में स्किन शाट बरामद
राजधानी के राजकीय पॉलिटेक्निक के पास से एसटीएफ ने पकड़ा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सिपाही भर्ती परीक्षा को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए एसटीएफ लगातार संदिग्धों पर नजर बनाए हुए है। जहां एसटीएफ को जानकारियां मिली की गिरोह सोशल मीडिया साइट टेलीग्राम पर यूपी पुलिस कांस्टेबल पेपर लीक नाम से चैनल बनाकर अभ्यर्थियों को एक -एक लाख रुपए में पेपर देने का लालच देकर उस ग्रुप पर क्यूआर कोड और फोन नंबर के जरिए गिरोह पैसों की डिमांड कर रहा था। जिसके बाद अपर पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह की देखरेख में टीम लखनऊ में शनिवार को गाजीपुर थाना क्षेत्र में इनपुट के आधार पर जानकारियां जुटा रही थी। उसी वक्त मुखबिर ने आकर बताया कि अभ्यर्थियों को झांसा देकर ऑनलाइन पैसे वसूलने वाले गिरोह का सदस्य राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के गेट स्थित अयोध्या रोड पर खड़ा अपने साथी का इंतजार कर रहा है। जिसके मौके पर पहुंची टीम ने आरोपी को दबोच लिया जिसने अपनी पहचान अनिरुद्ध मोदनवाल पुत्र ठाकुर प्रसाद निवासी सुरियांवा बाजार जनपद भदोही बताई तलाशी में उसके पास से मोबाइल फोन, क्रेडिट कार्ड, एयरटेल पेटीएम बैंक , अभ्यर्थियों से लिए पैसों का ट्रांजेक्शन के स्टेटमेंट का स्कीनशाँट बरामद हुआ। पूछताछ में आरोपी ने कबूला कि वो इंटर पास है, और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा और उसे टेलीग्राम पर ऑनलाइन पैसा कमाने वाले चैनल से मैसेज आया जहां उसने बातचीत शुरू की तो कहां की वो पार्ट टाइम नौकरी करना चाहता है। जहां उसे ग्रुप संचालक अभय कुमार श्रीवास्तव ने लखनऊ बुलाया जहां फर्जी आईडी पर सिम दिलाया और मोबाइल फोन पर गुगल पे, फोन पे, एयरटेल पेमेंट बैंक का ऐप डाउनलोड कराया और एटीएम आर्डर कर कहां कि तुम्हें मेरे चैनल यूपी पुलिस सिपाही पेपर लीक को चलाना है।
मास्टरमाइंड अभय कुमार श्रीवास्तव के कहने पर संचालित कर रहा था चैनल
आरोपी ने बताया की उसे चैनल संचालित करने को कहां गया था और अभ्याथियों से कैसे पैसे लेने वह भी समझाया गया और कहां गया की हर अभ्यर्थी से पेपर देने की एवज एक-एक लाख रूपए मांगने है, अगर कोई कम देगा फिर भी मांग लेना और पेपर से पहले प्रश्न पत्र देने का झांसा देते रहना। और जो पैसा मिलेगा उसमें से तुम्हें पैसा मिलता रहेगा। वही  उसने बताया उसका मित्र मन्नू अग्रवाल भी इस काम में उसका साथी है,
 टेलीग्राम पर सात यूजर आईडी बनाकर चल रहा था खेल
 सात यूजर आईडी बनाकर पकड़े गए युवक ने ठगी शुरू की तो मिनटों में कई अभ्यर्थियों के मेसेज आने लगे और कुछ ने पैसे भी भेजना शुरू कर दिया। लेकिन जब अभ्यर्थी पेपर मांगने लगे तो मैंने मास्टरमाइंड अभय को बताया तो उसने गूगल से कोई पेपर डाउनलोड कर डालने को कहां एसटीएफ पकड़े गए शातिर के खिलाफ नजदीकी थाने में मामला दर्ज कर गिरोह के मास्टरमाइंड की तलाश में जुट गई।

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