-शनिवार को प्रदेश के इतिहास में विद्युत मांग सर्वाधिक 29727 मेगावाट पहुंच गई, जिसे पूरा कर यूपीपीसीएल ने बनाया नया रिकार्ड
लखनऊ (हि.स.)। प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी के बीच बिजली की मांग एवं आपूर्ति के लगातार रिकार्ड टूट रहे हैं। शनिवार को प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक विद्युत मांग 29727 मेगावाट पहुंच गई, जिसे कारपोरेशन ने पूरा कर नया रिकार्ड बनाया। इसके साथ ही राज्य के उत्पादन गृहों ने भी 15788 मेगावाट विद्युत उत्पादन करने का नया रिकार्ड बनाया है। उल्लेखनीय है कि विगत 27 मई को विद्युत की मांग 29261 मेगावाट पहुंच गई थी जिसे पावर कारपोरेशन ने पूरा करके एक नया रिकार्ड बनाया था।
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने शनिवार को एक बार फिर अधिकारियों को निर्देशित किया है कि लगातार पड़ रही भयंकर गर्मी एवं विद्युत की मांग में हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए सावधानी बरतें। सभी कार्मिक इस चुनौतीपूर्ण समय में पूरी लगन और मेहनत के साथ अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करें।
एसएलडीसी को बनाया जाएगा और प्रभावी
उत्तर प्रदेश राज्य लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) को और प्रभावी किया जाएगा। ताकि विद्युत प्रणाली के एकीकृत संचालन को और बेहतर बनाया जा सके। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन एवं ऊर्जा निगमों के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल के समक्ष एसएलडीसी प्रबन्धन के द्वारा एक प्रस्तुतीकरण किया गया जिसमें भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए उसे और प्रभावी तथा आधुनिक बनाने हेतु कार्य योजना को दिखाया गया।
अध्यक्ष ने प्रस्ताव पर शीघ्र कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। एसएलडीसी का कार्य राज्य में उत्पादन कम्पनियों के साथ किए गए अनुबन्धों के अनुसार राज्य के भीतर विद्युत का प्रेषण, ग्रिड परिचालन की निगरानी, ग्रिड के माध्यम से वितरित बिजली की मात्रा का हिसाब, अन्तर राज्यीय पारेषण प्रणाली पर पर्यवेक्षण और नियन्त्रण रखना तथा ग्रिड मानकों और राज्य ग्रिड कोड के अनुसार राज्य ग्रिड के सुरक्षित और किफायती संचालन के माध्यम से राज्य के भीतर ग्रिड नियन्त्रण और बिजली के प्रेषण के लिए वास्तविक समय संचालन आदि है।
अध्यक्ष ने एसएलडीसी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि भयंकर तापमान और गर्मी के इस समय विद्युत वितरण व्यवस्था पर विशेष सावधानी बरतें। विद्युत कटौती न हो और सभी क्षेत्रों को निश्चित शिड्यूल के अनुरूप विद्युत प्राप्त हो। इसके आधुनिकीकरण से विद्युत मांग एवं खपत का क्षेत्रवार और बेहतर अनुमान करके व्यवस्था और प्रभावी बनाई जा सकेगी।