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भगवान शिव जी ने मां पार्वती को बताई थी कुछ गुप्त बातें, जो आपके जीवन को बना सकती है स्वर्ग

माता पार्वती जी बचपन से ही भगवान भोलेनाथ से विवाह करना चाहती थी अगर हम शिवपुराण के मुताबिक देखे तो देवी पार्वती सती का पुनर्जन्म थी पार्वती राजा हिमावत और रानी मैना की पुत्री थी ऋषि मुनि नारद ने बचपन में ही भविष्यवाणी की थी कि चाहे कुछ भी हो जाए देवी पार्वती का विवाह भगवान शिव जी से ही होगा और यह शिव जी से ही शादी करेंगी, समय के साथ साथ जैसे-जैसे माता पार्वती बड़ी हुई उनका प्रेम शिवजी के प्रति बढ़ता ही गया था कई वर्षों की तपस्या और बाधाओं के पश्चात उनका विवाह भगवान शिव जी से हो गया था माता पार्वती जी को भगवान शिव जी ने समय-समय पर बहुत सी ज्ञान की बातें बताई थी जिनमें से सामाजिक जीवन से लेकर पारिवारिक और वैवाहिक जीवन की भी बातें शामिल थी भगवान शिव जी ने माता पार्वती जी को कुछ ऐसी गुप्त बातें बताई थी जो मनुष्य के लिए बहुत ही उपयोगी साबित हो सकती है जिन बातों को हर व्यक्ति को पालन करना बहुत ही जरूरी है।

 

भगवान शिव जी ने माता पार्वती जी के पूछने पर मनुष्य जीवन का सबसे बड़ा धर्म और अधर्म मानी जाने वाली बातों के बारे में बताया था आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से भगवान शिव जी ने जो गुप्त बातें माता पार्वती जी को बताई थी उसके बारे में जानकारी देने वाले हैं अगर आप इन बातों को अपने जीवन में उतार लेते हैं तो आपका जीवन खुशहाली पूर्वक व्यतीत होगा और आप अपने जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करेंगे।

आइए जानते हैं भगवान शिव जी ने मां पार्वती को कौन सी गुप्त बातें बताई थी

भगवान शिव जी ने माता पार्वती को बताया था कि मनुष्य के लिए सबसे बड़ा धर्म सत्य बोलना है और सत्य का साथ देना है, इसलिए हर व्यक्ति को अपने मन, अपनी बातें और अपने कामों में हमेशा उसी चीज को शामिल करना चाहिए जिनमें सच्चाई हो क्योंकि सच्चाई से बड़ा धर्म और कुछ भी नहीं होता है, अगर कोई व्यक्ति झूठ का सहारा लेता है तो उसको हमेशा दुख ही मिलता है।

भगवान शिव जी ने कहा था कि हर व्यक्ति को अपने कार्यों का साक्षी खुद होना चाहिए, चाहे व्यक्ति अच्छे कार्य करें या फिर बुरे कार्य करें, कभी भी व्यक्ति को यह नहीं सोचना चाहिए कि उसको यह कार्य करते हुए कोई नहीं देख रहा है, बहुत से लोगों के मन में गलत कार्य करते समय यही विचार रहता है कि उसको कोई भी नहीं देख रहा है, जिसकी वजह से वह बिना किसी भय के गलत कार्य करते हैं परंतु सत्य कुछ और ही होता है, अगर व्यक्ति अपने कर्मों का साक्षी खुद बन जाएगा तो वह गलत कार्य करने से अपने आपको रोक सकता है।

भगवान शिव जी ने माता पार्वती जी को बताते हुए कहा था कि व्यक्ति को अगर किसी परिस्थिति या फिर किसी से लगाव हो जाता है तो वह मनुष्य को अपने जीवन में सफल होने से रोकता है, कुछ पल का यह लगाव व्यक्ति की सफलता में बाधा बनता है अगर व्यक्ति लगाव और मोह के जाल से छूट जाएगा तो वह अपने जीवन में सफलता हासिल करेगा।
भगवान शिव जी ने मनुष्य जाति को सावधान करते हुए बताया था कि मनुष्य की इच्छा से बड़ा दुख और कुछ नहीं होता है और अपनी इच्छाओं को त्याग करने से बड़ा सुख और कुछ नहीं है, इसलिए हर मनुष्य को अपने मन पर काबू रखना चाहिए और अपने मन में किसी भी अनावश्यक चीजों के लिए इच्छा जागृत नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह सभी इच्छाएं मनुष्य को हमेशा दुख ही देती है अगर आप अपनी इच्छाओं को त्याग देंगे तो आप हमेशा सुखी जीवन व्यतीत करेंगे, इसलिए अनावश्यक इच्छाओ को त्याग करना ही उचित रहेगा।

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