गुवाहाटी, (हि.स.)। असम में बाढ़ का पानी उतर नहीं रहा है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि राज्य के सात जिलों के 29 हजार 612 से अधिक नागरिक अभी भी बाढ़ प्रभावित हैं। राज्य में तीन नदियां तीन स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिसमें दिसांग (नंगलमुरघाट) और दिखौ (शिवसागर), ब्रह्मपुत्र (निमातीघाट) शामिल हैं। कई नदियों के तटबंध टूट गए और सड़कों को भी नुकसान हुआ है। प्रशासन बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए जरूरी कदम उठा रहा है।
असम राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के शनिवार देर शाम बाढ़ प्रभावित जिलों के जारी आंकड़ों में बिश्वनाथ, चराईदेव, धेमाजी, जोरहाट, कामरूप (ग्रामीण), लखीमपुर और शिवसागर शामिल हैं। बाढ़ से 17 राजस्व सर्किल अंतर्गत 122 गांवों के 29 हजार 612 लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ से कुल 1263.07 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है।
बाढ़ प्रभावितों के लिए राहत शिविर स्थापित और 18 राहत वितरण केंद्र खोले गए हैं। राहत शिविरों में कुल 15 लोग आश्रय लिए हुए हैं। बाढ़ से राज्य के कुल 15 हजार 296 पशु धन प्रभावित हुए हैं। इनमें बड़े पशुओं की कुल संख्या 8 हजार 123 और छोटे पशुओं की 5 हजार 319 है जबकि 1 हजार 854 कुक्कुट भी प्रभावित हुए हैं। इन इलाकों में बचाव और राहत अभियान चल रहा है। प्रशासन ने चराईदेव में एक, धेमाजी में एक और लखीमपुर में चार मेडिकल टीमों को तैनात किया है।
बाढ़ प्रभावितों के बीच खाद्य सामग्रियों का वितरण किया गया। इनमें 225.33 क्विंटल चावल, 40.67 क्विंटल दाल, 12.86 क्विंटल नमक, 1213.95 लीटर सरसों का तेल, पशुओं के लिए गेहूं का चोकर 120.00 क्विंटल और चावल की भूसी 103.20 क्विंटल शामिल हैं। राज्य सरकार की ओर से बाढ़ प्रभावित इलाकों में सभी तरह के आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।