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बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा में पहली बार हुआ फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल, दबोचे गए मथुरा और कानपुर में दो मुन्नाभाई

झांसी के बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी द्वारा प्रदेश के 75 जिलों में आयोजित बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा में पहली बार फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हुआ। इस टेक्नोलॉजी की मदद से मथुरा और कानपुर में दो मुन्नाभाई दबोचे गए। वे किसी ओर के स्थान पर परीक्षा देने आए थे। ड्यूटी पर मुस्तैद कर्मचारी भी उनको नहीं पकड़ पाए, लेकिन फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी ने उनकी साजिश को बेनकाब कर दिया।

फेस रिकॉग्निशन में कुल 9 संदिग्धों को पकड़ा
75 जिलो में बनाए गए 1108 केंद्रों पर परीक्षा हुई। जब परीक्षार्थी केंद्र के अंदर इंटर हुए तो उनकी बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करने के साथ-साथ चेहरे की भी फोटो खींची गई। ये फोटो और डाटा सभी परीक्षा केंद्रों से बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी को भेजा गया।

बीयू के कंट्रोल रूम से डाटा की जांच की गई। फेस रिकॉग्निशन तकनीक के चलते प्रवेश पत्र की फोटो से मौके पर परीक्षा देने वाले 9 छात्रों का चेहरे का मिलान नहीं हो पाया। प्रवेश पत्र की फोटो से इनका चेहरा 40 फीसदी से भी कम मिलता हुआ पाया गया। ये छात्र जौनपुर, शामली, फिरोजाबाद, मथुरा, कानपुर और प्रयागराज में परीक्षा देने पहुंचे थे। जांच में दो सॉल्वर दूसरी की जगह परीक्षा देते पाए गए। जबकि 4 लोगों जांच के बाद सही मिले। उनसे एफिडेविट लेकर परीक्षा में बैठाया गया। 3 संदिग्ध ऐसे थे, जिन्हें दूसरी पाली में भी परीक्षा देनी थी, लेकिन वे दूसरी पाली में नहीं आए।

जांच में दो सॉल्वर पकड़े गए
जब 9 स्टूडेंट्स के चेहरे मिलान नहीं हुए तो कंट्रोल रूम से तत्काल केंद्राध्यक्ष और जिला समन्वयक को सूचना दी गई। फिर सभी संदिग्ध छात्रों की जांच शुरू हुई। इसमें कानपुर के एसडी कॉलेज में अभ्यर्थी एकलव्य मिश्रा और मथुरा के बीएसए कॉलेज में कपिल शर्मा की जगह दूसरे व्यक्ति परीक्षा देते पकड़े गए हैं।

केंद्राध्यक्ष ने इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए पुलिस को तहरीर दे दी है। दोनों सॉल्वरों को पुलिस को सौंप दिया गया है। वहीं, प्रयागराज, फिरोजाबाद, शामली में 3 संदिग्ध परीक्षार्थी दूसरी पाली की परीक्षा में शामिल नहीं हुए। इसके अलावा चार संदिग्ध जांच के दौरान सही मिले। हालांकि, इनके आधार कार्ड की जांच कराई जा रही है।

टेक्नोलॉजी कारगर साबित हुई
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बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने बताया कि पहली बार प्रदेश में बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा में फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हुआ है। इस टेक्नोलॉजी के तहत किसी की फोटो खींचने पर स्थान, समय, खींचने वाले का नाम समेत सभी जानकारियां आ जाती हैं। इसी की बदौलत दो सॉल्वर पकड़े गए हैं।

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