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बिहार में राजग गठबंधन में सीटों का बंटवारा, इन आठ सांसदों का पत्ता साफ, जानिए किसको कहां से मिला टिकट

पटना (बिहार) (हि.स.)। राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सीटों का बंटवारा हो गया है। इस बंटवारे में 17 सीट भाजपा, 16 सीट जदयू, पांच सीट रामविलास लोजपा, एक सीट उपेंद्र कुशवाहा और एक मांझी को दी गई है। इस सीट बंटवारे के साथ ही वर्तमान में लोकसभा के आठ सांसदों का टिकट कट गया है।

 

सीट बंटवारे में तय फार्मूले के मुताबिक जदयू ने दो सीटिंग सीट छोड़ी है। जदयू के कब्जे वाली दो सीटों गया और काराकाट को उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी को दे दिया गया है। गया से जदयू के विजय कुमार मांझी सांसद है। वहीं, काराकाट में जदयू के महाबली सिंह सांसद हैं। दोनों की सीट राष्ट्रीय लोक मोर्चा और हम पार्टी को दे दी गयी है। अब काराकाट से उपेंद्र कुशवाहा और गया से हम पार्टी के जीतन राम मांझी चुनाव लड़ेंगे यानि विजय कुमार मांझी और महाबली सिंह उम्मीदवारों के नाम के एलान से पहले ही बेटिकट हो गये हैं।

 

उधर, भाजपा ने भी एक सीट छोड़ दी है। भाजपा ने शिवहर सीट जदयू को सौंप दिया है। इस सीट से भाजपा की रमा देवी सांसद हैं। जदयू इस सीट से लवली आनंद को लड़ाने जा रही है। जाहिर है रमा देवी का पत्ता साफ हो गया है। सबसे बुरी स्थिति पशुपति कुमार पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी की हुई है। उन्हें एनडीए गठबंधन से बाहर कर दिया गया है।

हाजीपुर से सांसद पशुपति कुमार पारस, समस्तीपुर से प्रिंस राज, खगड़िया से महबूब अली कैसर, नवादा से चंदन सिंह और वैशाली से वीणा देवी एनडीए के टिकट से बेदखल हो गये हैं। वैसे ये पांचों सांसद चुनाव लड़ने के लिए लगातार जुगत लगा रहे हैं। वीणा देवी और महबूब अली कैसर चिराग पासवान के दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं जबकि पशुपति पारस और प्रिंस राज राजद के संपर्क में हैं।

 

चिराग पासवान ने पार्टी के नेताओं की बैठक में ऐलान कर दिया है कि उन्हें धोखा देने वाले पांचों सांसदों को किसी सूरत में टिकट नहीं दिया जायेगा। राजद भी पशुपति पारस और प्रिंस राज में कोई रुचि नहीं दिखा रहा है। पारस गुट के चंदन सिंह नवादा से सांसद हैं और बाहुबली सूरजभान के भाई हैं। नवादा सीट भाजपा ने अपने पास रख ली है। भाजपा वहां से राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर को चुनाव लड़ाना चाहती है। जाहिर है फिर चंदन सिंह की एनडीए में कोई गुंजाइश नहीं है।

 

उल्लेखनीय है कि ऐसे आठ सांसद हैं, जिनकी इस बार संसद सदस्यता जाती दिख रही है। ये स्थिति तब है जब किसी पार्टी ने उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं किया है। भाजपा के कुछ मौजूदा सांसदों का टिकट कटने की चर्चा आम है। ऐसे में ये संख्या और बढ़ सकती है।

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