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बाढ़ और सूखा से आपदा की चपेट में आए किसानों को सरकार दे रही मुआवजा, जानिए पहले चरण में कितनों को मिली राहत

किसानों के साथ है खड़ी है सरकार, नहीं होने देंगे किसी का नुकसानः सीएम योगी

-बाढ़ और सूखा से आपदा की चपेट में आए किसानों को सरकार दे रही मुआवजा, पहले चरण में 4500 किसानों को मिली राहत

लखनऊ, । सीएम योगी ने शुक्रवार को विधानसभा के मॉनसून सत्र में बाढ़ और सूखे पर चर्चा करते हुए सरकार द्वारा किसानों को हुए नुकसान के मुआवजे के साथ ही बचाव के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार अन्नदाता किसानों के साथ है। किसी किसान का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। बाढ़ और सूखा की वजह से अब तक सरकार ने पहले चरण में आपदा की चपेट में आए 4500 किसानों को मुआवजे की राशि उपलब्ध कराई गई है।

कई राज्यों से बेहतर हैं यूपी के हालात

सीएम योगी ने विधानसभा में कहा कि यूपी में अमूमन 15 से 20 जून तक मानसून प्रवेश कर जाता था। इस वर्ष प्रारंभिक बारिश को छोड़ दें तो बारिश अनुकूल और अच्छी नहीं कही जा सकती है। हमने पहले ही बैठक करके अपनी रणनीति बनाई है। हिमालयी नदियों में बाढ़ की स्थिति पैदा हुई, इससे काफी फसलों को नुकसान पहुंचा है। उसके आंकलन के आदेश भी दिये गये हैं। इसके बावजूद यूपी की स्थिति देश के अन्य राज्यों से काफी अच्छी है। 88 प्रतिशत फसलों की बोआई हो गई है। धान की नर्सरी भी लगभग 100 फीसदी लग चुकी है। उन्होंने कहा कि बाढ़ और सूखा से आपदा की चपेट में आए 4500 किसानों को पहले चरण में अबतक मुआवजा देने का कार्य किया गया है। 2017 में सरकार ने 61320 किसानों को लगभग 60 करोड़ का मुआवजा उपलब्ध कराया था। 2018-19 में 384113 किसानों को 212 करोड़, 2019-20 में 64 करोड़ 32 लाख, 2020-21 में 120 करोड़, 2021-22 में 475 करोड़, 2022-23 में 427 करोड़ रुपए किसानों को मुआवजा दिया गया।

इस वर्ष बांटी गईं 27 हजार ड्राई राशन किट

सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बाढ़ और सूखा के अलावा अन्य अनेक कदम उठाए हैं। इस बार पश्चिमी यूपी में बाढ़ आई मगर 40 से ज्यादा जनपदों में सूखा देखने को मिला। बहुत सी जगह सिंचाई और पॉवर कॉर्पोरेशन ने अपने स्तर पर कार्य किये। नोडल अधिकारियों और प्रभारी मंत्रियों ने जनपदों के दौरे किये। प्रदेश सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के राहत के कार्य किये। 2017 में मैं पहली बार सीतापुर और लखीमपुर में बाढ़ पीड़ितों से मिलने गया तो पता लगा कि उन्हें सूखे ब्रेड दिये जाते थे। आपदा राहत का पैसा बंदरबांट हो जाया करता था। हमारी सरकार ने राहत किट तैयार करने का निर्णय लिया, जिसमें 10 किलो चावल, 10 किलो आटा, 10 किलो आलू, दाल, नमक, दियासलाई, मसाले, केरोसिन, ये सभी कुछ उपलब्ध कराने की व्यवस्था की और महिलाओं को डिग्निटी किट भी उपलब्ध कराया। सीएम ने बताया कि इस वर्ष 26964 ड्राई राशन किट बाढ़ पीड़ितों को उपलब्ध करायी गयी हैं। साथ ही, 2550 डिग्निटी किट भी प्रदान किये गये। 909 बाढ़ शरणालय बनाये गये। पशुओं के लिए चारे भी बनाये गये। प्रभावित क्षेत्रों में मेडिकल कैंप, पशुओं का टीकाकरण, अतिरिक्त नौकाओं की व्यवस्था की गई। प्रशासन की कार्रवाई और जनप्रतिनिधियों की सक्रियता से पब्लिक में संतुष्टि का भाव देखने को मिला। सीएम ने कहा कि प्रदेश में 403 एमएम बरसात को सामान्य माना जाता है, मगर पिछले कुछ वर्ष से देखने को मिला है कि मौसम चक्र में विसंगति का दुष्प्रभाव सबसे अधिक अन्नदाताओं पर पड़ता है। 403 एमएम बारिश में से अबतक 303 एमएम बारिश हुई है। मगर ये बारिश एक बार में हुई है।

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