बहराइच, (हि. स.)। कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के जंगल में घायल मिले बाघ की इलाज के दौरान बीती देर रात मौत हो गई। जंगल में घायल मिले बाघ को इलाज के लिए रेस्क्यू कर रेंज कार्यालय लाया गया था। जहां पर इलाज के दौरान बाघ की मौत हो गई। बाघ कैसे घायल हुआ है, यह अभी तक पता नहीं चल सका है। वन विभाग की टीम जांच में जुटी हुई है।
कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के कतर्नियाघाट रेंज के कटियारा बीट में शनिवार को बाघ ने दो लोगों पर हमला किया था। इससे पूर्व बाघ ने जंगली सूकर का शिकार कर लिया। सूत्रों के मुताबिक जंगल से सटे गांव के लोग सूकर का मांस उठाने गए। वहां पर धनौरा गांव के पास बाघ आ गया। जिससे मानव वन्यजीव संघर्ष की नौबत बन गई। हालांकि अधिकारी भी पहुंच गए। वन क्षेत्राधिकारी अनूप कुमार और कुछ देर में डीएफओ आकाशदीप वधावन भी पहुंचे। देर शाम को बाघ का रेस्क्यू कर लिया गया। इसके बाद उसे रेंज कार्यालय लाया गया। रात नौ बजे बाघ की रेंज कार्यालय में इलाज के दौरान मौत हो गई।
डीएफओ आकाशदीप वधावन ने बताया कि बाघ घायल अवस्था में मिला था। इसी बाघ ने दो किसानों पर हमला किया था। घायल कैसे हुआ, इसकी जांच चल रही है। उन्होंने बताया कि नर बाघ की उम्र चार वर्ष है। तीन डॉक्टरों के पैनल से रविवार को शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। इनमें एक डॉक्टर दुधवा, एक कतर्नियाघाट और एक सरकारी डॉक्टर रहेगा।