बदायूं (हि.स.)। जिले की सिविल जज जूनियर डिविजन ज्योत्सना राय की मौत के मामले में पिता अशोक कुमार राय ने एक बार फिर दोहराया कि उनकी बहादुर बेटी कभी खुदकुशी नहीं कर सकती है। भाई ने जांच के दौरान पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। वहीं, पैनल से पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर पोस्टमार्टम करने के लिए देरी से पहुंचने पर जिला जज की ओर से मुख्य चिकित्सा अधिकारी को नोटिस जारी हुआ है।
जिले में सिविल जज जूनियर डिवीजन ज्योत्सना राय की मौत के मामले में पिता अशोक कुमार राय की तहरीर पर पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। रविवार को तीन डॉक्टरों की टीम ने पैनल से शव का पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया। अंतिम संस्कार के लिए परिजन बेटी के पार्थिव शरीर को अयोध्या में सरयू नदी के घाट पर ले गए।
पिता अशोक की ओर से कहा गया है कि उनकी बेटी होनहार और बहुत बहादुर थी। घटना से पहले बेटी ने अपनी मां से फोन पर बात की तो बहुत खुश थी। ऐसे में सवाल यह उठता है कि उनकी बेटी आत्महत्या जैसा कदम कैसे उठा सकती है।
पिता की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया है। भाई हिमांशु शेखर राय ने बताया कि इस मामले में पुलिस की ओर से ठीक से जांच नहीं की गई है। सपा के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव ने पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर परिवार को ढांढस बांधते हुए बेटी को न्याय दिलाने की बात की है।