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बढ़ते वायु प्रदूषण पर एनजीटी ने दिल्ली, यूपी समेत 9 राज्यों को लगाई फटकार, इस तारीख तक मांगी स्टेटस रिपोर्ट

– वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए और कड़े कदम उठाने का दिया आदेश

– दिल्ली, यूपी, एमपी समेत 9 राज्यों से 22 नवंबर तक मांगी स्टेटस रिपोर्ट

नई दिल्ली,  (हि.स.)। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने बढ़ते वायु प्रदूषण पर नौ राज्य सरकारों को फटकार लगाई है। एनजीटी ने राज्यों को वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए और कड़े कदम उठाने का आदेश दिया। एनजीटी ने सभी नौ राज्यों से 22 नवंबर तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।

एनजीटी ने दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, यूपी, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार और झारखंड को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। एनजीटी ने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदम संतोषजनक नहीं हैं। संबंधित अधिकारियों को इस मुद्दे पर पूरी गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में कोई सुधार दिखाई नहीं दे रहा है बल्कि स्थिति सुधरने की बजाय बदतर हो गई है।

16 नवंबर को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) ने एनजीटी में दाखिल एक्शन टेकन रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए स्मॉग टावर्स प्रभावी नहीं है और वो प्रदूषण का व्यावहारिक समाधान नहीं है। डीपीसीसी ने आईआईटी बॉम्बे और दिल्ली की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि स्मॉग टावर्स अपने सौ मीटर की परिधि में 17 फीसदी ही प्रदूषण कम करता है। ऐसे में पूरी दिल्ली को कवर करने के लिए करीब 40 हजार स्मॉग टावर्स लगाने पड़ेंगे। दरअसल 8 नवंबर को एनजीटी ने दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, यूपी, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बढ़ते वायु प्रदूषण पर स्वत: संज्ञान लेते हुए इन राज्यों से वायु प्रदूषण को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाने को कहा था।

एनजीटी ने राज्यों के मुख्य सचिवों, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के चेयरमैन, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। एनजीटी ने पराली जलने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी पूरे पंजाब में पराली जलाई जा रही है। एनजीटी ने कहा था कि आपका पूरा तंत्र पूरी तरह से फेल हो चुका है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने इतना सख्त फैसला दिया है। एनजीटी ने कहा कि ऐसा लगता है आप अपने द्वारा उठाए गए कदम से खुश हैं।

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को लेकर सख्ती बरतते हुए एनजीटी ने कहा था कि सभी सरकारी प्रोजेक्ट को छूट दी हुई है, अगर फ्लाईओवर, हाई-वे प्रोजेक्ट में 15 दिन की देर हो जाएगी तो कोई आसमान नहीं टूट जाएगा। एनजीटी ने कहा था कि जब लोग मरने लगेंगे तब दवा देते हैं कि शायद बच जाएगा वरना मरना तो है ही।

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