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बड़ी सफलता : 12 राज्यों के लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर जालसाजों ने ठगे करोड़ों, दो हिरासत में

फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर भोले भाले लोगों को देते थे झांसा

साइबर क्राइम सेल को मिली बड़ी सफलता

लखनऊ। राजधानी में साइबर जालसाज लगातार अपने पैर जमाते जा रहे है, बुधवार को साइबर क्राइम सेल ने कार्रवाई करते हुए देश के 12 राज्यों के 39 लोगों को डिजिटल हाउस अरेस्ट कर ठगी के 1.68 करोड़ रुपए के मामले में आगरा के दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी सीबीआई या पुलिस विभाग का बड़ा अधिकारी बन पीड़ितों पर मनी लॉन्ड्रिंग व अन्य गंभीर मामला दर्ज होने की बात बोल झांसे में लेते थे। इसके बाद मामला रफा-दफा करने की एवज में मोटी रकम पहले से फर्जी फर्म के नाम से खुलवाये बैंक खातों में ट्रांसफर कराते थे। साइबर क्राइम थाना प्रभारी बृजेश कुमार यादव के मुताबिक 25 फरवरी को निरंजन सिंह के प्रार्थना-पत्र पर गाजीपुर पुलिस ने अज्ञात पर आईटी एक्ट में रिपोर्ट दर्ज की थी। आरोपियों ने निरंजन से सीबीआई अधिकारी बन बात की थी। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज हुआ बता रफा-दफा करने के लिये 30.50 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिये थे। गाजीपुर पुलिस ने मामला साइबर क्राइम थाना ट्रांसफर कर दिया था। टीम ने सर्विलांस सेल की मदद से 21 मई को आरोपियों को आगरा से गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान राजीव भसीन उर्फ राजू निवासी शास्त्रीपुरम, थाना सिकन्दरा, जनपद आगरा और मोहित चोपड़ा उर्फ नानू निवासी शांता कुञ्ज, थाना कमला नगर, बेलनगंज, आगरा के रूप में हुई। इंस्पेक्टर ने बताया उक्त खातों से विदेश में बैठे साइबर अपराधियों के खातों में अन्य साथी रुपये भेजते थे। ऐसे आरोपियों की पहचान का प्रयास किया जा रहा है। बताया दोनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।

 

कई बैंकों के एटीएम समेत अन्य सामान बरामद

क्राइम ब्रांच टीम ने आरोपियों के कब्जे से इंडसइंड बैंक के चेक बुक व एटीएम कार्ड, खाते में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर की सिम, इंडसइंड बैंक, पीएनबी बैंक, यूनियन बैंक के एटीएम कार्ड व उनमें रजिस्टर्ड मोबाइल की सिम,10 विभिन्न कंपनी के अन्य सिम कार्ड, 3 आधार कार्ड, एक पैन कार्ड और 3 मोबाइल फोन।

फर्जी फर्म के नाम पर बैंक में खुलवाया अकाउंट

राजीव व मोहित ने फर्जी फर्म के नाम पर बैंक में करंट अकाउंट खुलवा रखे हैं। खातों की डिटेल विदेश में बैठे साइबर अपराधियों को भेजते थे। धोखाधड़ी कर लोगों से ठगी के रुपये इन्हीं खातों में ट्रांसफर कराते थे।

विदेश ओटीपी भेजने एप का इस्तेमाल

 

इंस्पेक्टर के मुताबिक साइबर अपराधी पुलिस की पहुंच से दूर रहने के लिये काफी सावधानी बरतते हैं। झांसे में लिये गये पीड़ितों से हासिल ओटीपी विदेश में बैठे साथियों के पास भेजते थे। इसके लिये “tOtp Forwarder एप” का इस्तेमाल करते थे। रकम खाते में आते ही विदेश में बैठे अपराधी कुल राशि से 1.8 प्रतिशत कमीशन राजीव व मोहित के पास भेजते थे।

 

निरंजन से भी फर्जी फर्म बना ट्रांसफर कराये थे रुपये

इंस्पेक्टर ने बताया पीड़ित निरंजन सिंह से आरोपियों ने श्री साई राम टेंट हाउस नामक फर्जी फर्म बनाकर इंडसइंड बैंक में करंट अकाउंट खुलवा कर 30.50 लाख रुपये हड़पे थे। कहा कि अभी जांच की जा रही है। इसी तरह के अन्य मामलों को खंगाला जा रहा है। पूछताछ में और अहम जानकारियां मिली हैं। जिनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

 

 

दोनों ने किस प्रदेश में कितने लोगों से की ठगी

 

उत्तर प्रदेश में एक, आन्ध्र प्रदेश में छह, हरियाणा में दो, महाराष्ट्र में दो, राजस्थान में तीन, तेलंगाना में छह, असम में दो, बिहार में एक, गुजरात में तीन, केरल में तीन, कर्नाटक में तीन, मध्य प्रदेश में दो, पश्चिम बंगाल में एक व्यक्ति से राजीव भसीन व मोहित चोपड़ा ने ठगी की है।

 

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