मऊ (हि.स.)। समाजवादी पार्टी(सपा) के संस्थापक सदस्य रामहरी चौहान ने पार्टी के नीतियों से क्षुब्ध होकर पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।
उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद निवासी और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव रामहरी चौहान ने समाजवादी पार्टी की स्थापना के पूर्व समय से मुलायम सिंह यादव के साथ राष्ट्रीय लोक दल में काम करते रहे। जो समाजवादी पार्टी की स्थापना के साथ पार्टी के संस्थापक सदस्य बने। वह सपा के विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करते हुए 2017 में अखिलेश यादव के कार्यकाल में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव भी बने।
उल्लेखनीय है कि 1980 में युवा लोक दल मंडल अध्यक्ष पदाधिकारी के रूप में अपने राजनीतिक कैरियर की शुरूआत किया। उसे समय चौधरी चरण सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और प्रदेश अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव थे। 1992 में मुलायम सिंह यादव ने लोक दल से अलग होकर अपनी पार्टी का गठन किया, उसके बाद से समाजवादी पार्टी के साथ राम हरी चौहान भी संस्थापक सदस्य मुलायम सिंह के साथ बन रहे। लगभग 44 साल बीतने के बाद पार्टी की नीतियों से क्षुब्ध होकर वह इस्तीफा देने के लिए मजबूर हो गए। अब मऊ जनपद में चर्चाएं है कि वह भाजपा का दामन थाम सकते हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को प्रेषित पत्र में रामहरी चौहान ने लिखा है कि पार्टी अपनी नीतियों से भटक गई है। उन्होंने पार्टी प्रमुख पर आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी द्वारा पीडीए का नारा देने के बावजूद पूरे प्रदेश में किसी चौहान को टिकट देना मुनासिब नहीं समझ गया। पार्टी के इस निर्णय से वह काफी खिन्न व नाराज महसूस कर रहे हैं। जिसके वजह से उन्होंने पार्टी की सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार प्रतिनिधि से टेलीफोन से हुई वार्ता में दबे जुबान से बताया कि भाजपा के साथ जा सकते हैं, जिसका खुलासा एक-दो दिन बाद जिला मुख्यालय पर आकर करेंगे।