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बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात कल सुबह चेन्नई के करीब पुडुचेरी-नेल्लोर तट को पार करने की संभावना

अमरावती (हि.स.)।आंध्र प्रदेश के गृह और आपदा प्रबंधन मंत्री अनीता वंगालापुडी ने आज देर शाम को कहा कि आईएमडी के निर्देशों के अनुसार, पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में वायु द्रव्यमान पिछले छह घंटों में 17 किमी प्रति घंटे की गति से पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा। बुधवार शाम तक चक्रवात चेन्नई से 190 किमी, पुडुचेरी से 250 किमी और नेल्लोर से 270 किमी दक्षिण-पूर्व में केंद्रित था। पता चला है कि कल यानी गुरुवार सुबह चेन्नई के करीब पुडुचेरी-नेल्लोर तट को पार करने की संभावना है।

राज्य सचिवालय से जारी एक प्रेस नोट में कहा गया कि गृह एवं आपदा प्रबंधन मंत्री अनिता वंगालापुडी आपदा प्रबंधन एजेंसी कार्यालय के नियंत्रण कक्ष से समय-समय पर निगरानी की जा रही है और गंभीरता के आधार पर अधिकारियों को निर्देश जारी किए जा रहे हैं।

गृह मंत्री ने कहा कि सरकारी मशीनरी कल तट पार करने के बाद भी किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि जिलों में अगर बिजली गुल होती है तो बिजली कर्मचारी उसे तुरंत बहाल करने के लिए खंभे और तार के साथ तैयार हैं। अगर सड़कों पर पेड़ गिरते हैं तो उन्हें तुरंत हटाने के लिए जेसीबी उपलब्ध करायी गयी है।

उन्होंने कहा कि भारी बारिश के कारण अब तक किसी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। वर्तमान वर्षा की स्थिति यह है कि बुधवार को , प्रकाशम 4, नेल्लोर 10, अन्नामैया 4, अनंतपुर 2 और तिरुपति 14 मंडलों में भारी बारिश का अधिक प्रभाव पड़ा है।

उन्होंने कहा कि राहत कार्यों के लिए नेल्लोर, तिरुपति, कुरनूल, प्रकाशम और बापटला जिलों में 5 एसडीआरएफ और 2 एनडीआरएफ टीमें हैं। उन्होंने कहा कि जहां भी आवश्यक हुआ पुनर्वास केंद्र और चिकित्सा शिविर स्थापित किये गये हैं। अब तक 827 तटवर्ती गांव के निवासी को सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाया गया और 2,222 लोगों को आज शाम पुनर्वास केंद्रों में ले जाया गया है। बताया जा रहा है कि समुद्र में शिकार करने गए कई मछुआरों को वापस लाया गया है।

उन्होंने कहा कि चक्रवात के प्रभाव के कारण दक्षिण तट और रायलसीमा के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। बारिश के कारण निचले इलाकों के लोगों को सतर्क रहना चाहिए क्योंकि प्रकाशम, नेल्लोर, चित्तूर और कडप्पा जिलों में अचानक बाढ़ आने की संभावना है। साथ ही पेन्ना नदी बेसिन के लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

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