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फ़तेहपुर : नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आरोपियों को बीस वर्ष की सजा

– अलग अलग कई मामलों में अभियुक्तो को न्यायाधीशों ने सुनाई सजा

 

फ़तेहपुर । जिला न्यायालय की अलग अलग जजों की बेंचो ने अलग अलग कई मामलों में अभियुक्तो को दोषी करार देते हुए अर्थदण्ड अदायगी समेत कारावास की सजा सुनाई है। गुरुवार को जिला न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग को अगवा कर उसके साथ छेड़छाड़ व सामूहिक दुराचार के मामले की अंतिम सुनवाई करते हुए गवाहों के बयान व सबूतों के आधार पर दोषी करार देते हुए दो अभियुक्तो संजय उर्फ संजीव कुमार पुत्र शिव कुमार रैदास निवासी चकशाहा व वकील पुत्र हनीफ निवासी ग्राम योहन थाना हथगांव को बीस- बीस वर्ष के कठोर कारावास समेत 30-30 हजार रुपये अर्थ दण्ड अदायगी की सजा सुनाई है।

पुलिस के अनुसार अभियुक्तो ने वर्ष 2018 में एक नाबालिग युवती को अगवाकर उसके साथ छेड़छाड़ व सामूहिक दुराचार की वारदात को अंजाम दिया था। जिनको पुलिस ने गिरफ्तार कर गैंगरेप के आरोप में जेल भेजा था। अभियुक्तो के खिलाफ जिला शासकीय अधिवक्ता देवेन्द्र कुमार सिंह भदौरिया ने गवाहों के बयान सबूत व दलीले पेश की।

इसी क्रम में जिला न्यायालय के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दफा 25 के एक मामले पर अंतिम सुनवाई करते हुए गवाहों के बयान व सबूतों के आधार पर अभियुक्त सत्यदीन पुत्र रामगोपाल निवासी पलिया थाना हुसैनगंज को दोषी करार देते हुए एक दिवस के साधारण कारावास समेत 4500 रुपये अर्थदण्ड अदायगी की सजा सुनाई है। अभियुक्त को स्थानीय पुलिस ने वर्ष 2008 में अवैध तमंचा व कारतूस के रखने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जेल जाने के कुछ माह बाद अभियुक्त जमानत पर रिहा हो गया था लेकिन मुकद्दमा अदालत में विचाराधीन था। जिसकी गुरुवार को अंतिम सुनवाई हुई।

अभियुक्त के खिलाफ शासकीय अधिवक्ता कामेश्वर प्रसाद ने गवाहों के बयान सबूत व दलीलें पेश की। इसी प्रकार अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मारपीट व गालीगलौज के एक मामले की गुरुवार को अंतिम सुनवाई करते हुए अभियुक्त सुभाष चन्द्र पुत्र मथुरा प्रशाद निवासी छेउका थाना हुसैनगंज समेत दो नफ़र अभियुक्तो को गवाहों के बयान व सबूतों के आधार पर दोषी करार देते हुए 2800 रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। अभियुक्तो ने वर्ष 2021 में एक ब्यक्ति के साथ मारपीट गाली गलौज व जानमाल की धमकी के आपराधिक कृत्य को अंजाम दिया था जिनके खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर जेल भेजा था लेकिन जेल जाने के कुछ माह बाद ही सभी अभियुक्तो को जमानत पर रिहाई मिल गई थी लेकिन मुकद्दमा अदालत में विचाराधीन था। गुरुवार को जिला न्यायालय ने मामले पर अंतिम सुनवाई की। अभियुक्तो के खिलाफ शासकीय अधिवक्ता कामेश्वर प्रसाद ने गवाहों के बयान सबूत व दलीलें पेश की।

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