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फर्जी कॉलेजों के रैकेट सक्रिय, अब इस यूनिवर्सिटी पर उठे सवाल, जानिए पूरा मामला

-सबलगढ़ और झुंडपुरा में संचा‎लित कॉलेज की पड़ताल में बिल्डिंग, फैकल्टी और छात्र मिले नदारद ‎

ग्वा‎लियर (ईएमएस)।ग्वालियर-चंबल अंचल में संचा‎लित फर्जी कॉलेजों के रैकेट के तार प्रदेश की पहली ए++ रैंकिंग वाली जीवाजी यूनिवर्सिटी से जुड़ रहे हैं। साल 2012 में स्था‎पित शिवशक्ति कॉलेज जीवाजी यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड में सबलगढ़ और झुंडपुरा में संचा‎लित है ले‎किन भौ‎तिक सत्यापन में इससे संबं‎धित बिल्डिंग, फैकल्टी और छात्रों की पु‎ष्टि नहीं हो पाई ।

गौरतलब है ‎कि अफसरों की ‎मिलीभगत से 11 साल में 10 टीमें निरीक्षण रिपोर्ट देकर इसे संबद्धता दिलवाती रहीं। कॉलेज में बीए व बीएससी की 180 सीटें हैं, पर छात्र पढ़ते कहां हैं, ये पता नहीं। 200 कॉलेजों ने शिक्षकों के वेतन के बैंक स्टेटमेंट नहीं दिए हैं। आशंका है इनमें अभी डमी शिक्षक हैं। 6 माह पहले जेयू की ही एक टीम ने इसे सत्र 2023-24 की संबद्धता ‎दिलाई थी। शिवशक्ति कॉलेज के अलावा जेयू से संबद्ध 200 से ज्यादा कॉलेज भी संदेह के घेरे में हैं। इस बार कार्यपरिषद ने तय किया था कि 31 जुलाई तक सभी प्राइवेट कॉलेज शिक्षकों के वेतन के बैंक स्टेटमेंट और आधार कार्ड जमा कराएंगे, लेकिन 200 से ज्यादा कॉलेजों ने यह दस्तावेज नहीं दिए हैं।

ग्वालियर से 103 किलोमीटर दूर मुरैना ‎जिले के झुंडपुरा गांव पहुंची मी‎डिया की टीम ने हायर सेकंडरी स्कूल की पड़ताल की। करीब 15 साल से यहां नौकरी कर रहे शिक्षक दिलीप कुमार शर्मा से शिवशक्ति कॉलेज का पता पूछा तो उन्होंने कहा कि गांव में कोई कॉलेज नहीं है। वर्ष 1982 से प्रैक्टिस कर रहे डॉ. बंसल ने भी यही बताते हुए हंसते हुए कहा ‎कि पहले डाक्टर झोलाछाप होते थे उसी की तर्ज पर अब कॉलेज भी झोलाछाप होने लगे हैं। हालांकि, क्लीनिक पहुंचे श्याम ने बताया कि कुछ साल पहले राजपाल रावत के मकान में कॉलेज का बोर्ड लगा था। टीम पहुंची तो राजपाल ने बताया कि 6 साल पहले तीन-चार माह के लिए मकान किराए पर लिया गया था।

नगर परिषद अध्यक्ष मनीषा सोनी के पति अनिल सोनी, मुख्य नपा अधिकारी वीरेंद्र सिंह रावत और क्लर्क रामबरन शर्मा ने पुष्टि की कि नगर परिषद के रिकॉर्ड में कोई कॉलेज नहीं है। शासकीय नेहरू डिग्री कॉलेज के प्राचार्य प्रो. जेपी मित्तल से बात करने पहुंचे तो उन्होंने बताया कि छात्रवृत्ति के दस्तावेज सत्यापन के लिए जरूर आते हैं, लेकिन कॉलेज का पता नहीं।

उधर मामले जीवाजी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी,‎तिवारी ने बताया ‎कि शिवशक्ति कॉलेज की जांच टीम की रिपोर्ट डीसीडीसी को सौंप दी है। शिक्षकों के वेतन स्टेटमेंट और आधार कार्ड से जुड़े मामले के ‎लिए उच्च शिक्षा विभाग को लिख रहे हैं।

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