नई दिल्ली (ईएमएस)। धूमकेतुओं ने पृथ्वी पर जीवन का आगाज करने में प्रमुख भूमिका निभाई होगी। आकाशीय पिंड अन्य ग्रहों पर भी ऐसा ही कर रहे हैं। यह कहना है इस बारे में शोध कर रहे वैज्ञानिकों का। एक रिसर्च में वैज्ञानिकों ने बताया है कि कैसे धूमकेतुओं ने जीवन शुरू करने के लिए जरूरी कार्बनिक पदार्थ एक्सोप्लेनेट तक पहुंचाया। किसी ग्रह पर जीवन बनाए रखने के लिए, उसमें कार्बन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, फॉस्फोरस और सल्फर जैसे तत्वों से निर्मित कार्बनिक पदार्थ होना चाहिए। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कहा कि धीमी गति से यात्रा करने वाले धूमकेतु इन सामग्रियों को हमारे सौर मंडल के बाहर ग्रहों तक पहुंचाते हैं। उन्होंने अपने अध्ययन में कहा कि उच्च गति इन आवश्यक अणुओं को नष्ट कर देगी।
ब्रिटेन की कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के खगोल विज्ञान संस्थान की ओर से किए गए अध्ययन के लेखकों में से एक रिचर्ड अंसलो ने एक विज्ञप्ति में निष्कर्षों का विवरण देते हुए कहा, “हम हर समय एक्सोप्लैनेट के वायुमंडल के बारे में अधिक जान रहे हैं, इसलिए हम यह देखना चाहते थे कि क्या ऐसे ग्रह हैं जहां जटिल अणुओं को धूमकेतु द्वारा भी पहुंचाया जा सकता है।” उन्होंने कहा, “यह संभव है कि पृथ्वी पर जीवन को जन्म देने वाले अणु धूमकेतुओं से आए हों, इसलिए आकाशगंगा में अन्यत्र ग्रहों के लिए भी यही सच हो सकता है।” एक्सोप्लेनेट ऐसे ग्रह हैं जो अन्य तारों की परिक्रमा करते हैं और हमारे सौरमंडल से दूर हैं। लेकिन वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर कैसे पहुंचे? अध्ययन के अनुसार, उन्होंने ऐसे परिदृश्य के घटित होने की संभावना का विश्लेषण करने के लिए गणितीय मॉडलिंग तकनीकों का उपयोग किया।
शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि हमारे सूर्य के आकार के ग्रह के लिए ऐसा होने के लिए, ग्रह का द्रव्यमान कम होना चाहिए और सिस्टम में अन्य ग्रहों के निकट कक्षा में होना ग्रह के लिए सहायक है। ऐसे परिदृश्य में, एक धूमकेतु को एक ग्रह के गुरुत्वाकर्षण खिंचाव द्वारा खींचा जा सकता है, फिर प्रभाव से पहले दूसरे ग्रह पर भेजा जा सकता है।