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पूर्व मंत्री दिवंगत हरिशंकर तिवारी के घर ईडी का छपा, 750 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी से जुड़ा है मामला

गोरखपुर  (हि.स.)। पूर्व विधायक विनय शंकर के गोरखपुर स्थित आवास पर ईडी का छापा पड़ा है। शुक्रवार की सुबह पांच बजे से ही ईडी की कार्रवाई चल रही है। ईडी की यह कार्रवाई 750 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में विनय शंकर तिवारी समेत अन्य पर दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ा है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में गोरखपुर के लच्छीपुर की प्रापर्टी पहले ही जब्त कर चुकी है।

पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवंगत हरिशंकर तिवारी के घर ईडी सुबह पांच बजे पहुंच गई। छापा में किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए केंद्रीय सुरक्षा बल ने तिवारी अहाता को घेरे लिया। हरिशंकर तिवारी के बेटे बसपा से चिल्लूपार से पूर्व विधायक वर्तमान में सपा नेता विनय शंकर तिवारी, बड़े बेटे भीष्म शंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी संत कबीर नगर से सांसद रहे हैं।

750 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी से जुड़ा है मामला

पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के बेटे व चिल्लूपार विधानसभा के पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के गोरखपुर स्थित आवास पर शुक्रवार की सुबह ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने छापा डाल दिया। 750 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में विनय शंकर तिवारी समेत अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का पहले से केस है। पिछले दिनों उनकी सम्पत्ति भी जब्त की गई थी। इसी मामले में यह छापे की कार्रवाई देखी जा रही है। छापे की सूचना पर के बाद तिवारी ‘अहाते’ पर शुभचिंतक की भीड़ लगी है।

दरअसल, विनय शंकर व उनकी कम्पनी द्वारा लिए गए बैंक लोन के बारे में बैंक ऑफ इंडिया लखनऊ की टीम तीन साल पहले आई थी। यहां की सम्पत्ति की जानकारी करके लौट गई थी। जालसाजी के मामले में 2020 में पहले सीबीआई की एंट्री हुई बाद में यानी 2021 प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह से 750 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी समेत अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था।

एजेंसी के लखनऊ स्थित क्षेत्रीय कार्यालय ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत चिल्लूपार (गोरखपुर) से पूर्व विधायक व लखनऊ स्थित गंगोत्री इंटरप्राइजेज के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की थी। ईडी ने विनय, उनकी पत्नी रीता, गंगोत्री इंटरप्राइजेज सहित अन्य के खिलाफ सीबीआई की एफआईआर के आधार पर यह केस दर्ज किया था। सीबीआई ने मामले में शिकायत दर्ज करने के बाद लखनऊ और नोएडा में छापे मारे थे। कथित धोखाधड़ी बैंक ऑफ इंडिया नीत बैंकों के समूह के खिलाफ की गई, जो 754.25 करोड़ रुपये की बताई गई थी।

इधर, डेबिट रिकवरी ट्रिब्यूनल (डीआरटी) के मुताबिक फर्म मेसर्स गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड व अन्य ने अलग-अलग सात बैंकों से 1129 करोड़ रुपये का ऋण लिया है। इन फर्मों के कर्ताधर्ता पूर्व विधायक व उनके सगे-संबंधी हैं। ज्यादातर बैंक अकाउंट नान परफार्मिंग एसेट (एनपीए) में चले गए हैं। बैंक अकाउंट भी बंद किए जा रहे हैं। इस मामले में डीआरटी ने एक जुलाई 2019 को पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी सहित 33 सगे-संबंधियों के खिलाफ समन जारी किया था, फिर अलग अलग समय पर मेसर्स गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड व अन्य प्रतिवादियों से जवाब मांगा था।

डीआरटी के पास जो मामला पहुंचा था, उसके मुताबिक पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी व अन्य ने सबसे ज्यादा ऋण बैंक ऑफ इंडिया से लिया है। इसी मामले में कार्रवाई चल रही है।

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